हैदराबाद: चीन से आयात होने वाले रेयर अर्थ मैनगेट को लेकर समस्या बनी हुई है. उद्योग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय ऑटो उद्योग के प्रतिनिधियों को रेयर अर्थ मैग्नेट के आयात में तेजी लाने के लिए अभी चीन रवाना होना है, क्योंकि प्रतिनिधिमंडल अभी भी चीनी वाणिज्य मंत्रालय से बैठक के लिए औपचारिक मंजूरी का इंतजार कर रहा है.
जानकारी के अनुसार, पिछले महीने करीब 40 से 50 उद्योग अधिकारियों को वीजा मिल गया है, हालांकि वे अभी भी इस मामले पर बैठकों के लिए चीनी अधिकारियों से औपचारिक मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी को देखते हुए, घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग ने इसके आयात के लिए चीन से मंजूरी में तेजी लाने में सरकार से सहायता मांगी है.
पीटीआई को एक सूत्र ने बताया कि, “चीनी अधिकारियों ने अभी तक कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की है, इसलिए प्रतिनिधिमंडल अभी तक रवाना नहीं हुआ है. स्थिति खराब है, क्योंकि अभी तक हमें एक भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया है.” इस सूत्र ने बताया गया है कि अगर स्थिति ऐसी ही रही तो घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग को कमी का सामना करना पड़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन में काफी नुकसान होगा.
कारों के उत्पादन की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो – IANS Photo)
घरेलू ऑटो उद्योग को कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि चीनी सरकार ने इस साल 4 अप्रैल से रेयर अर्थ एलिमेंट्स और संबंधित चुम्बकों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि चीन ने सात रेयर अर्थ एलिमेंट्स और संबंधित चुम्बकों के लिए विशेष निर्यात लाइसेंस अनिवार्य कर दिए हैं.
बता दें कि चीन चुम्बकों के लिए ग्लोबल प्रोसेसिंग क्षमता के 90 प्रतिशत से अधिक को नियंत्रित करता है, जिसका इस्तेमाल ऑटोमोबाइल, घरेलू उपकरणों और स्वच्छ ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है. इन महत्वपूर्ण सामग्रियों में समैरियम, गैडोलीनियम, टेरबियम, डिस्प्रोसियम और ल्यूटेटियम शामिल हैं, जो इलेक्ट्रिक मोटर्स, ब्रेकिंग सिस्टम, स्मार्टफोन और मिसाइल प्रौद्योगिकी में आवश्यक हैं.
रेयर अर्थ मैग्नेट, पर्मानेंट मैग्नेट सिंक्रोनस मोटर (PMSM) का बेहद जरूरी अंग हैं, जिनका उपयोग हाई टॉर्क, ऊर्जा दक्षता और कॉम्पैक्ट आकार के लिए EV में किया जाता है. हाइब्रिड सिस्टम भी कुशल प्रणोदन के लिए इस पर निर्भर करते हैं. आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों में, रेयर अर्थ मैग्नेट का इस्तेमाल काफी हद तक इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग और अन्य मोटराइज्ड सिस्टम के लिए किया जाता है.

कारों के उत्पादन की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो – IANS Photo)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल अप्रैल में, दुनिया में रेयर अर्थ मैग्नेट के प्रमुख निर्यातक चीन ने सात रेयर अर्थ एलिमेंट्स और तैयार चुम्बकों के निर्यात प्रतिबंध लगा दिया था, और निर्यात लाइसेंस भी अनिवार्य कर दिया था. संशोधित रूपरेखा में विस्तृत अंतिम-उपयोग प्रकटीकरण और ग्राहक घोषणाओं की मांग की गई है, जिसमें यह पुष्टि भी शामिल है कि इन उत्पादों का इस्तेमाल डिफेंस में नहीं किया जाएगा या उन्हें अमेरिका में पुनः निर्यात नहीं किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार भारत ने पिछले वित्त वर्ष में अपने 540 टन चुंबक आयात का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा चीन से खरीदा था. अब भारत ने इसका असर महसूस करना शुरू कर दिया है. मई 2025 तक, भारतीय कंपनियों के लगभग 30 आयात अनुरोधों को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था, लेकिन अभी तक चीनी अधिकारियों द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है, और कोई शिपमेंट नहीं आया है.