हैदराबाद: आंध्र प्रदेश की 23 वर्षीय डांगेटी जाह्नवी NASA के प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय वायु एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम को पूरा करने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच रही हैं. उनकी यह उपलब्धि न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपस्थिति को भी उजागर करती है.
जाह्नवी को Titans Space – 2025 के उद्घाटन वर्ग के लिए अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार (एएससीएएन) के रूप में चुना गया है, और उन्हें 2029 में अंतरिक्ष की यात्रा करनी होगी और पृथ्वी की दो बार परिक्रमा करनी होगी, जिससे वह कुछ घंटों के भीतर दो सूर्योदय और दो सूर्यास्त देख सकेंगी.
जाह्नवी ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि, “2029 के लिए निर्धारित पहला मिशन टाइटन्स स्पेस की 5 घंटे की ऑर्बिटल उड़ान होगी. इसमें 3 घंटे तक निरंतर शून्य गुरुत्वाकर्षण होगा, जो वैज्ञानिक अनुसंधान और मानव अंतरिक्ष उड़ान उन्नति के लिए एक अनूठा परिवर्तनकारी वातावरण प्रदान करेगा. हम पृथ्वी की दो बार परिक्रमा करेंगे और दो सूर्योदय और दो सूर्यास्त देखेंगे – सभी एक लुभावने मिशन में.”
साल 2026 से शुरू होकर, वह टाइटन स्पेस के ASCAN कार्यक्रम के माध्यम से अगले तीन सालों तक गहन अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण से गुजरेगी, जिसमें उड़ान सिमुलेशन, अंतरिक्ष यान संचालन, उत्तरजीविता प्रशिक्षण और व्यापक चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन शामिल हैं.
कौन हैं डांगेटी जाह्नवी?
पंजाब के लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक डांगेटी जाह्नवी आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के पलाकोल्लू की रहने वाली हैं. उनके माता-पिता श्रीनिवास और पद्मश्री वर्तमान में कुवैत में रहते हैं. जाह्नवी ने STEM शिक्षा और अंतरिक्ष कनेक्टिविटी के क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया है.
उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के कुछ शैक्षिक कार्यक्रमों पर व्याख्यान दिए हैं. इसके अलावा, जाह्नवी ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) सहित कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में छात्रों को संबोधित किया है. वह एनालॉग संचालन, गहरे समुद्र में गोताखोरी, ग्रह विज्ञान में स्थिरता और दीर्घकालिक अंतरिक्ष यात्रा से संबंधित वैश्विक सम्मेलनों में नियमित रूप से भाग लेती हैं.
डांगेटी जाह्नवी को हाल के सालों में कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें NASA के Space Apps Challenge में People’s Choice Award और ISRO World Space Week Young Achiever Award शामिल हैं. उन्होंने पैनोरमिक सर्वे टेलीस्कोप और रैपिड रिस्पांस सिस्टम (पैन-स्टारआरएस) के डेटा का उपयोग करके सबसे कम उम्र के ज्ञात क्षुद्रग्रहों में से एक की खोज करके अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग में योगदान दिया. जाह्नवी अपनी टीम में सबसे कम उम्र की विदेशी एनालॉग अंतरिक्ष यात्री बन गईं और अंतरिक्ष द्वीप पर भूविज्ञान प्रशिक्षण के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय बन गईं.