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2030 तक जैव ऊर्जा से पूरी होगी 50 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन की ज़रूरतें, नितिन गडकरी ने बताया प्लान


नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगले पांच सालों में भारत की जीवाश्म ईंधन संबंधी 50 प्रतिशत जरूरतें जैव ऊर्जा से पूरी की जा सकती हैं. उन्होंने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग से वैकल्पिक ईंधनों पर अनुसंधान एवं विकास करने का आग्रह किया. गडकरी ने यह भी कहा कि देश में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गई है और इसका एक प्रमुख कारण जीवाश्म ईंधन है.

उन्होंने यह भी बताया कि जीवाश्म ईंधनों के कारण देश में वायु प्रदूषण के 40 प्रतिशत के लिए परिवहन क्षेत्र जिम्मेदार है. गडकरी की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत में वाहन निर्माता कंपनियां बैटरी इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम, हाइब्रिड पावरट्रेन, CNG आदि सहित विभिन्न स्वच्छ पावरट्रेन प्रौद्योगिकियों पर आक्रामक रूप से काम कर रही हैं.

इसके बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि ईंधन और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में बहुत सारे शोध और इनोवेशन चल रहे हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई ने गडकरी के हवाले से कहा कि “हमें अपनी पारिस्थितिकी और पर्यावरण की रक्षा करने और भारत को कार्बन-तटस्थ देश बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने की आवश्यकता है.”

गडकरी ने आगे कहा कि बायोएनर्जी पांच साल में भारत के जीवाश्म ईंधन की खपत का 50 प्रतिशत जरूरत को पूरा कर सकती है, जो बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि जीवाश्म ईंधन के आयात पर 22 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश इथेनॉल, फ्लेक्स इंजन, मेथनॉल, बायोडीजल, बायो एलएनजी, सीएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन जैसे विभिन्न ईंधनों पर काम कर रहा है.

उन्होंने कथित तौर पर कहा कि पेट्रोल में पहले से ही 20 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाया जा रहा है. गडकरी ने आगे कहा कि “ऑटोमोबाइल उद्योग का भविष्य बहुत अच्छा है और आज सभी प्रकार के नए शोध की अपार संभावनाएं हैं.” उन्होंने आगे कहा कि घरेलू ऑटोमोबाइल क्षेत्र एक महत्वपूर्ण उद्योग है, जिसने करोड़ों नौकरियां पैदा की हैं और निर्यात को बढ़ावा दिया है.

नितिन गडकरी ने कहा कि “यह वह उद्योग है, जिसका अधिकतम निर्यात 3 लाख करोड़ रुपये है, जो हमारे देश के लिए आर्थिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. इसने पहले ही युवा प्रतिभाओं के लिए 4.5 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं.” उन्होंने कहा कि Bajaj Auto, TVS Motor और Hero MotoCorp जैसी कंपनियां अपने उत्पादन का 50 प्रतिशत निर्यात करती हैं.

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