हैदराबाद: नासा और इसरो एक महत्वपूर्ण जॉइंट मिशन पर काम कर रहा है, जिसका नाम Axiom Mission 4 है. इस मिशन के तहत भारत का दूसरे एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष में जाने वाले हैं, जिनका नाम शुभांशु शुक्ला है. इस मिशन में उनके साथ 3 अन्य अंतरिक्ष यात्री भी होंगे. इस मिशन को पहले भी कई बार स्थगित किया गया था और आज एक बार फिर स्थगित किया गया है. पिछली बार स्थगित करने के बाद Axiom Mission 4 की नई लॉन्च डेट 22 जून को निर्धारित की गई थी, लेकिन अब उसे भी स्थगित कर दिया गया है.
एजेंसी ने कहा है कि रूसी सेक्शन में हाल ही में रिपेयरिंग काम किया गया है, जिसके बाद ऑर्बिटल लैब के संचालन को मूल्यांकन करने में ज्यादा वक्त लग रहा है. आपको बता दें कि इस मिशन को पहले भी कई बार टाला गया है, जिनके कारण स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के बूस्टर में लीक, लॉन्च के रास्ते में खराब मौस और ज़्वेज़्दा सेवा मॉड्यूल के सबसे पिछले हिस्से में लीक रहे हैं.
भारत के क्यों खास मिशन?
यह मिशन भारत के लिए ज्यादा खास इसलिए है क्योंकि इसके जरिए भारत की ओर से इतिहास में दूसरी बार कोई एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में जाने वाला है. इस भारतीय एस्ट्रोनॉट का नाम शुभांशु शुक्ला है, जो Axiom-4 मिशन के 4 क्रू मेंबर्स में एक है. इस मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका में होंगे. उसके अलावा अमेरिका के पैगी व्हिटसन कमांडर, पोलैंड की स्लावोज उज़नान्स्की-विस्निव्स्की और हंगरी की तिबोर कपु मिशन स्पेशलिस्ट की भूमिका में ISS जाएंगी. शुभांशु भारतीय वायुसेना के पायलट भी हैं.
भारत के लिए भी इस मिशन का काफी महत्व है, क्योंकि 1984 में रूस के अंतरिक्ष यान के साथ पहली बार राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने थे. अब करीब 4 दशकों के बाद शुभांशु शुक्ला दूसरे भारतीय होंगे, जो अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहे हैं. इसके अलावा भारत गगनयान मिशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है और शुभांशु शुक्ला उस मिशन का भी हिस्सा होंगे. ऐसे में Axiom Mission-4 के दौरान उनका अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काफी काम आ सकता है. इससे अलावा भारत 2047 तक अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की भी तैयारी कर रहा है, जिसके लिए शुभांशु शुक्ला का Ax-4 मिशन काफी काम आ सकता है.
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