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Apple, Google और Facebook यूज़र्स के 1600 करोड़ पासवर्ड्स लीक! जानें हैकर्स से सुरक्षित रहने का तरीका


हैदराबाद: मई में एक साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर ने 184 यानी करीब 18 करोड़ से भी ज्यादा यूज़र्स के रिकॉर्ड्स को खोजा, जिसमें एप्पल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और स्नैपचैट जैसी बड़ी कंपनियों के लिए प्लेन-टेक्स्ट पासवर्ड मौजूद थे. साइबरन्यूज के रिसर्चर्स ने ऐसी एक नहीं बल्कि कुल 30 डेटाबेस को खोजा है. इसमें लाखों से लेकर 10 मिलियन से लेकर 3.5 बिलियन रिकॉर्ड्स शामिल थे और कुल मिलाकर इन सभी डेटाबेस के जरिए 16 बिलियन यानी 1600 करोड़ से ज्यादा पासवर्ड लीक हुए.

साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर के मुताबिक इन 30 बड़े डेटाबेस के जरिए कुल मिलाकर 16 बिलियन से भी ज्यादा पासवर्ड लीक हुए हैं. आपको बता दें इस वक्त पूरी दुनिया की आबादी करीब 8 बिलियन है और इन डेटाबेस में लीक होने वाले पासवर्ड्स की संख्या 16 बिलियन यानी पूरी दुनिया की आबादी की भी डबल है. इसका मतलब है कि कई लोगों के एक से ज्यादा भी अकाउंट्स के पासवर्ड लीक हो सकते हैं. हालांकि, इन डेटा की बात करें तो इनमें कुछ डुप्लिकेट भी हो सकता है. यही कारण है कि अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि 16 बिलियन से भी ज्यादा डेटा लीक से असल में कितने लोग प्रभावित हुए हैं, यानी कितने लोगों का डेटा लीक हुआ है.

ये डेटा कहां से आया?

यह लीक डेटा किसी एक जगह से नहीं बल्कि कई अलग-अलग साइबर अटैक्स से जमा किए गए हैं. इन डेटा को चुराने के लिए हैकर्स ने “इन्फोस्टीलर” नाम का मैलवेयर का इस्तेमाल किया है. यह एक ऐसा मैलवेयर है, जो यूज़र्स के डिवाइस से पासवर्ड के साथ-साथ कई पर्सनल और जरूरी इंफोर्मेशन को चुराने का काम करता है. इसके अलावा रिपोर्ट के मुताबिक, यह लीक डेटा किसी पुरानी डेटा लीक का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक नया डेटा लीक है.

ये डेटासेट्स कुछ वक्त के लिए ऑनलाइन उपलब्ध थे. अब रिसर्चर्स ने इन्हें खोज तो लिया है, लेकिन अभी तक इस बात का पता नहीं है कि इन डेटासेट्स का कंट्रोल किसके पास है. हैकर्स इस डेटा का इस्तेमाल करके यूज़र्स के किसी अकाउंट को पूरी तरह से हैक कर सकते हैं. यूज़र्स की किसी पहचान को चुरा सकते हैं या फिशिंग अटैक भी कर सकते हैं. फिशिंग अटैक के जरिए हैकर्स फ्रॉड करने वाले ईमेल या मैसेज भेजकर लोगों को ठगते हैं.

खुद को सुरक्षित कैसे रखें?

सुरक्षा उपाय डिटेल्स
पासवर्ड तुरंत बदलें सभी अकाउंट्स के लिए तुरंत नया और सुरक्षित पासवर्ड बनाएं।
मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड हर अकाउंट के लिए अलग और कठिन पासवर्ड रखें, जिससे हैकिंग का खतरा कम हो।
मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) लॉगिन के समय OTP, फिंगरप्रिंट या फेस ID से अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित करें।
पासकी (Passkey) का उपयोग पासवर्ड की जगह PIN, फेस ID या फिंगरप्रिंट से लॉगिन करने वाली नई तकनीक।
पासवर्ड लीक चेक करें haveibeenpwned.com या Google Password Checkup जैसे टूल्स से पता लगाएं कि आपका पासवर्ड लीक तो नहीं हुआ।

क्यों जरूरी है सावधानी?

साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स के मुताबिक, यह लीक हुआ डेटा बिल्कुल नया है, जिससे साइबर क्रिमिनल्स लोगों को काफी आसानी से नुकसान पहुंचा सकते हैं. अगर आप बतौर यूज़र्स समस पर सावधानी बरतेंगे और ऊपर बताए गए उपायों को उपयोग करेंगे तो अपने अकाउंट्स और पर्सनल इंफोर्मेशन को भी हैकर्स या साइबर क्रिमिनल्स से सुरक्षित रख सकते हैं.

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