बागेश्वर:उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में दो बच्चों में इन्फ्लूएंजा फ्लू जैसे लक्षण मिले हैं। यह खबर लोगों को चिंतित कर रही है। बच्चों का सैंपल जांच के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी भेजा गया है। इससे पहले चीन में फैले इन्फ्लूएंजा फ्लू और न्यूमोनिया के चलते उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट मोड पर जाने का फैसला किया है। इस फैसले के चलते स्वास्थ्य विभाग ने घातक इन्फ्लूएंजा फ्लू से निपटने हेतु अलग से आईसीयू और आइसोलेशन वार्ड बनाने का भी निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस बात को भी सामने रखा है कि अभी तक कोई इन्फ्लूएंजा मरीज नहीं आया है। जिले में जरूरत पड़ने पर सुविधाएं भी पूरी तरह से तैयार हैं। ऑक्सीजन बेड, वॉर्ड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर भी उपलब्ध हैं। इससे जिले के अस्पताल में कोई भी परेशानी नहीं आएगी। जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन वार्ड भी तुरंत बनाए जाएंगे।
जरूरत पड़ने पर जांच का रिपोर्ट चार-पांच दिनों में मिलेगी। वहीं, जिला अस्पताल में सभी बेड ऑक्सीजन पाइपलाइन से जुड़े हुए हैं। जिससे रोगी को स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं होगी। जिला अस्पताल में 650 एलपीएम के दो ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट भी स्थापित हैं। इससे ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी और रोगियों को सही समय पर इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने इसे तुरंत लागू करने का फैसला लिया है। इससे उत्तराखंड के लोग विशेष जागरूक हो जाएंगे। वहीं, इन्फ्लूएंजा के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों से भी व्यापक रूप से सहयोग की अपील की जा रही है। इससे भी रोग के फैलने की संभावना कम होगी।
अब यह देखा जा रहा है कि कैसे यह समस्या का हल निकाला जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इससे जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। साथ ही आइसोलेशन और परहेज के नियमों का पालन करने का भी निर्देश दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के सैंपल की जांच के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। आशा है कि स्वस्थ विभाग की अच्छी योजना से रोग को रोका जा सके और इन्फ्लूएंजा से प्रदेश में कोई और मरीज इस संक्रमण से प्रभावित न हों।