देहरादून:राजधानी देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल से नौंवी कक्षा में पढ़ रही छात्रा के सुसाइड की खबर सामने आई। हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि घटना मृतक छात्रा गाजियाबाद निवासी थी और पिछले दस साल से यही पढ़ रही थी।
शहर के एक बोर्डिंग स्कूल में गाजियाबाद निवासी नौवीं की छात्रा ने बाथरूम में फांसी लगाकर जान दे दी। छात्रा ने शरीर पर बांधने वाली गरम पट्टी से फंदा बनाया था। उसके कमरे से बरामद हुआ सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उसने अपनी मां के बारे में कई बातें लिखी हैं। कुछ बातें आपत्तिजनक भी बताई जा रही हैं।
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। वहीं, छात्रा की मां ने मौखिक रूप से स्कूल प्रबंधन पर कुछ आरोप लगाए हैं, लेकिन खबर लिखे जाने तक लिखित शिकायत नहीं दी गई है। एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि घटना सोमवार रात को हुई थी। मृतक छात्रा की पहचान वाणी पुत्री बबीता निवासी बिनसर पार्क, वैभव खंड, इंदिरापुरम गाजियाबाद के रूप में हुई है।
वाणी स्कूल परिसर के हॉस्टल में रहकर बीते दस सालों से पढ़ाई कर रही थी। रात के समय वाणी अन्य छात्राओं से पहले ही अपने कमरे में आ गई थी। इस बीच छात्राओं ने देखा कि वाणी अपने कमरे में नहीं है। इस पर उन्होंने आसपास देखा तो वह नहीं मिली।
फंदे पर लटक रही थी वाणी
देखा कि बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद है। उन्होंने आवाज लगाई लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। साथी छात्राओं ने हॉस्टल प्रबंधन को सूचना दी। हॉस्टल के कर्मचारियों ने दरवाजा तोड़कर देखा तो सबके होश उड़ गए। वाणी फंदे पर लटक रही थी। कर्मचारियों ने उसे फंदे से उतारा और एक निजी अस्पताल ले गए। लेकिन, डॉक्टर ने वाणी को मृत घोषित कर दिया। देर रात पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने शव कब्जे में लिया और परिजनों को देहरादून बुलाया।
मां पति से रहती हैं अलग
छात्रा के शव का मंगलवार को डॉक्टर के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया है। पंचायतनामे की वीडियोग्राफी की गई है। उसके कमरे की तलाशी लेने पर कॉपी में लिखा एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। उसने सुसाइड नोट में अपनी मां के संबंध में कुछ बातें लिखी हैं।
कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनका खुलासा नहीं किया जा सकता है। इन सबसे पुलिस इसे पारिवारिक परिस्थितियों से तंग आकर ही आत्महत्या करना मान रही है। उसकी मां अपने पति से अलग रहती हैं और वही उसके लिए खर्च आदि हॉस्टल में भेजती थीं। छात्रा की मां प्राइवेट कंपनी में काम करती है।I