देहरादून : राज्य सेतु आयोग के उपाध्यक्ष ने बताया कि चार प्रमुख अध्ययन अगले छह से सात महीनों के भीतर पूरा करने का उद्देश्य रखा गया है। इन अध्ययनों से यह जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी कि वर्तमान और भविष्य में आने वाली आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों के संदर्भ में इन चार क्षेत्रों की कार्यप्रणाली और क्षमता कैसी है, और जहां भी कमजोरियां या खामियां हैं, उन्हें कैसे ठीक किया जा सकता है।
उत्तराखंड सरकार की परामर्श एजेंसी, राज्य सेतु आयोग, की पहल पर शहरी विकास और जनसरोकार से जुड़े विभागों की कार्यप्रणाली और भविष्य की संभावनाओं से संबंधित चार महत्वपूर्ण अध्ययन शुरू किए गए हैं। इन अध्ययनों में से एक अध्ययन राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के रोजगार और उनकी आजीविका के विकास की संभावनाओं पर केंद्रित है।
विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए जा रहे इन अध्ययनों के माध्यम से यह निर्धारित किया जाएगा कि मौजूदा और आगामी आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों के बीच इन चार क्षेत्रों की कार्यप्रणाली और क्षमता कितनी सक्षम है, और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
सेतु आयोग के उपाध्यक्ष, राजशेखर जोशी के अनुसार, इन सभी अध्ययनों को अगले छह से सात महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अध्ययन के समापन के बाद, रिपोर्ट को सरकार और संबंधित विभागों के साथ साझा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सेतु आयोग इन अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर दी गई सिफारिशों को लागू करने में भी सहायता करेगा, ताकि इन विभागों की सेवाओं, कार्यप्रणाली और क्षमता को और बेहतर बनाया जा सके। मीडिया से बातचीत में उन्होंने इन चारों अध्ययनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी