लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 के अंतर्गत सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने वाले व्यक्तियों से इसकी भरपाई और उपयुक्त सजा का प्रावधान किया गया था। हाल ही में, इसी संदर्भ में उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 लागू किया गया।
उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 अब विधेयक के रूप में विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि इस कानून को सख्ती से लागू किया जा सके और दंगाइयों पर नकेल कसी जा सके। इस प्रस्ताव को मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
वर्तमान में प्रदेश में पुराना लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम लागू था, जिसके तहत सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने वाले व्यक्तियों से इसकी भरपाई और सजा का प्रावधान था। हालाँकि, हाल ही में उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 लागू किया गया है, जो इस मुद्दे पर नए प्रावधान प्रस्तुत करता है।
इसके तहत हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों के दौरान सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने वालों से क्षति की वसूली का प्रावधान किया गया है। इसके लिए एक दावा अभिकरण का गठन किया जाएगा। इसमें कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी अपने दावे को प्रस्तुत कर सकता है।
इस दावे का निस्तारण एक निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाएगा, ताकि नुकसान की भरपाई तेजी से हो सके। इसके अतिरिक्त, यदि किसी आंदोलन, बंद आदि के दौरान संपत्तियों को नुकसान पहुँचता है, तो इसकी भरपाई संबंधित बंद या आंदोलन का आह्वान करने वाले नेताओं से की जाएगी।