पुरोला के टोंस वन प्रभाग में संरक्षित प्रजाति के देवदार के हरे पेड़ों को काटे जाने की शिकायत सामने आने के बाद इस मामले की जांच मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल नरेश कुमार की ओर से वन संरक्षक यमुना वृत्त डॉ. विनय भार्गव को सौंपी गई थी। उन्होंने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप दी है।
उत्तरकाशी जिले के पुरोला टोंस वन प्रभाग में बेशकीमती देवदार के हरे पेड़ काटे जाने के मामले में प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ), उप विभागीय अधिकारी (एसडीओ), वन क्षेत्राधिकारियों सहित कई कर्मचारियों पर जल्द कार्रवाई होगी। इस संबंध में जांच के बाद वन मुख्यालय ने कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है।
इसके साथ ही वन विभाग निगम के एमडी और मुख्य वन संरक्षक, मानव संसाधन विकास एवं कार्मिक प्रबंधन को भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। पुरोला के टोंस वन प्रभाग में संरक्षित प्रजाति के देवदार के हरे पेड़ों को काटे जाने की शिकायत सामने आने के बाद इस मामले की जांच मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल नरेश कुमार की ओर से वन संरक्षक यमुना वृत्त डॉ. विनय भार्गव को सौंपी गई थी। उन्होंने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप दी है।
इस रिपोर्ट में टोंस वन प्रभाग की पुरोला तहसील के अंतर्गत सांद्रा रेंज, देवता रेंज और कोटिगाड़ रेंज में बड़ी संख्या में देवदार और कैल के हरे पेड़ाें को काटे जाने की पुष्टि हुई है। इसके बाद प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक के निर्देश पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की सिफारिश
इसमें डीएफओ और एसडीओ स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। जबकि, तीनों रेंजों (सांद्रा, देवता और कोटिगाड़) के वन क्षेत्राधिकारियों पर कार्रवाई के लिए मुख्य वन संरक्षक, मानव संसाधन विकास एवं कार्मिक प्रबंधन को लिखा गया है।
इसके अलावा, जांच में वन विकास निगम के आठ से 10 अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इन अधिकारियों-कर्मचारियों पर वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को कार्रवाई के लिए अपर प्रमुख वन संरक्षक (प्रशासन) बीपी गुप्ता ने पत्र लिखा है।
अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश
अपर प्रमुख वन संरक्षक (प्रशासन) बीपी गुप्ता की ओर से एचआरडी वन विभाग और वन विकास निगम के एमडी को लिख पत्र में कहा गया है कि प्रकरण में संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उत्तरांचल राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 के उल्लंघन में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं। इस कारण इनके विरुद्ध उत्तरांचल सरकारी सेवक नियमावली 2003 के तहत अनुशासनिक कार्रवाई की जाए।
ठेकेदार को किया जाएगा ब्लैक लिस्टेड
अपर प्रमुख वन संरक्षक (प्रशासन) बीपी गुप्ता की ओर से निगम के एमडी को लिखे पत्र में इस प्रकरण में लिप्त अधिकृत ठेकेदार और कार्यदायी एजेंसी के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए ब्लैक लिस्ट किए जाने की संस्तुति की गई है।
इस मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिलने के बाद प्रकरण में दोषी पाए गए अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जो इस मामले में लिप्त होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।