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पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को नगर निगम का दर्जा, पर्यटन उद्योग को मिलेगी सब्सिडी: कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले

उत्तराखंड की कैबिनेट ने हाल ही में पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को नगर निगम का दर्जा देने के फैसले पर मुहर लगा दी है। इसके साथ ही, राज्य के पर्यटन उद्योग को सब्सिडी देने का भी निर्णय लिया गया है।

मुख्य फैसले:

  1. नगर निगम का दर्जा:
    • पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा: इन दोनों जिलों को नगर निगम का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है। इससे इन शहरों की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार होगा और स्थानीय विकास को नई दिशा मिलेगी।
  2. पर्यटन उद्योग को सब्सिडी:
    • राज्य सरकार ने पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। यह कदम पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया है।

फायदे और उद्देश्यों:

  • नगर निगम का दर्जा:
    • इससे पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में नगर प्रशासन की कार्यक्षमता में सुधार होगा।
    • स्थानीय विकास परियोजनाओं को तेजी से लागू किया जा सकेगा।
    • शहरी विकास और बुनियादी सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन की संभावना बढ़ेगी।
  • पर्यटन उद्योग को सब्सिडी:
    • सब्सिडी से पर्यटन व्यवसाय को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे उनके संचालन और विकास में सहायता होगी।
    • स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य के पर्यटन आकर्षण को बढ़ावा मिलेगा।

यह निर्णय राज्य सरकार की योजना का हिस्सा है जो स्थानीय विकास और आर्थिक प्रोत्साहन को प्राथमिकता देती है। इससे उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग और शहरी विकास को नई ऊर्जा मिलेगी।

अन्य अहम फैसले:

  1. उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर:
    • नई सदस्यता:
      • अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, ग्राम्य विकास
      • आयुक्त, ग्राम्य विकास
    • इन अधिकारियों को उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस में सदस्य के रूप में शामिल करने की मंजूरी दी गई है।

फैसले के लाभ:

  • संस्थान की कार्यक्षमता में सुधार:
    • इन उच्च अधिकारियों की सदस्यता से उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान की निर्णय प्रक्रिया में सुधार होगा और योजनाओं के कार्यान्वयन में और अधिक प्रभावशीलता आएगी।
  • पारदर्शिता और समन्वय:
    • बोर्ड ऑफ गवर्नेंस में शामिल होने वाले ये सदस्य बेहतर समन्वय और पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे, जिससे ग्राम्य विकास और पंचायतीराज से जुड़े कार्यक्रमों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में वृद्धि होगी।
  • नीति निर्धारण में मदद:
    • ये अधिकारी अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर ग्राम्य विकास और पंचायतीराज से संबंधित नीतियों के निर्धारण और संशोधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस निर्णय से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को सशक्त बनाने और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
    • उत्तराखंड कैबिनेट के अहम फैसले:
      1. खनन नियमावली में संशोधन:
        • उत्तराखंड खनन (अवैध खान, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियमावली 2024 के नियम-14 के उपनियम (5) में संशोधन किया गया है। इसके तहत एक मुश्त योजना (वन टाइम सेटलमेंट) योजना को पुनः लागू किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य अवैध खनन और संबंधित गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
      2. भूतल एवं खनिकर्म खनिज पर्यवेक्षक सेवा नियमावली 2024:
        • इस नियमावली के प्रख्यापन को मंजूरी दी गई है, जो कि खनिज पर्यवेक्षकों की सेवा की व्यवस्थाओं और नियमों को परिभाषित करेगी।
      3. भू-तत्व एवं खनिकर्म अधीनस्थ प्राविधिक सेवा नियमावली 2024:
        • इस नियमावली के प्रख्यापन को भी मंजूरी दी गई है, जो भू-तत्व और खनिकर्म के अधीनस्थ तकनीकी कर्मचारियों की सेवा शर्तों को निर्धारित करेगी।
      4. वृद्ध एवं अशक्त आवास गृह:
        • देहरादून के रायवाला में 50 वृद्धजनों की क्षमता वाले नवनिर्मित वृद्ध एवं अशक्त आवास गृह के संचालन के लिए कुल सात पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है।
        • राज्य के प्रत्येक जनपद में वृद्ध एवं अशक्त आवास गृह के निर्माण की भी मंजूरी प्रदान की गई है।
      5. उत्तराखंड प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी अधीनस्थ अधिकारी सेवा नियमावली 2024:
        • इस नियमावली के प्रख्यापन को मंजूरी दी गई है, जो प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी के अधीनस्थ अधिकारियों की सेवा शर्तों को निर्धारित करेगी।
      6. बंदी की मृत्यु पर मुआवजा नीति (2024):
        • बंदी की मृत्यु पर प्रतिकर/मुआवजा राशि के भुगतान की नीति को मंजूरी दी गई है। इसके तहत दो लाख से पांच लाख तक की मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी।
      7. डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ की हड़ताल अवधि:
        • हड़ताल के दौरान वेतन का समायोजन और संबंधित कार्मिकों के उपार्जित अवकाश की प्रक्रिया पर निर्णय लिया गया है।
      8. सगंध पौधा केंद्र में पद सृजन:
        • कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के अंतर्गत सगंध पौधा केंद्र, सेलाकुई में नौ अस्थाई पद (फील्ड सहायक/मास्टर ट्रेनर) सृजित करने की मंजूरी दी गई है।
      9. भगवानपुर मंडी को प्रधान मंडी का दर्जा:
        • कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के अंतर्गत भगवानपुर मंडी को प्रधान मंडी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है।
      10. नगर पालिका परिषदों के सीमा विस्तार और पृथक्करण:
        • नगर पालिका परिषद रामनगर के सीमा विस्तार को मंजूरी दी गई है।
        • नगर पालिका परिषद कर्णप्रयाग से सेमीग्वाड़ क्षेत्र को पृथक किए जाने की मंजूरी भी दी गई है।
      11. स्वयतशासी संस्था में रिक्त पदों की भर्ती:
        • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (u-cost) में रिक्त पदों को अनफ्रीज कर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। छह पदों को अनफ्रीज किया गया है।
      12. पर्यटन उद्योग को सब्सिडी:
        • पहाड़ में पर्यटन उद्योग को सब्सिडी प्रदान करने की नीति में संशोधन किया गया है।

      इन फैसलों से राज्य में विकास और प्रशासनिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और प्रगति को सुनिश्चित करेंगे।

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