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देहरादून में खुले में कूड़ा फेंकने वालों पर अब क्यूआर कोड से नकेल कसी जाएगी

स्वच्छता अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार अब एक नया कदम उठा रही है, जिसका उद्देश्य खुले में कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है। इसके तहत क्यूआर कोड (QR Code) का इस्तेमाल किया जाएगा, जो स्वच्छता से जुड़े उल्लंघन को ट्रैक करने में मदद करेगा। अब कूड़ा फेंकने वालों को सिर्फ जुर्माना ही नहीं भुगतना पड़ेगा, बल्कि उनकी पहचान भी सार्वजनिक हो जाएगी।

कैसे काम करेगा क्यूआर कोड?

  1. शिकायत दर्ज करने का तरीका:
    यदि कोई व्यक्ति खुले में कूड़ा फेंकते हुए दिखाई देता है, तो आम नागरिक आसानी से उसका क्यूआर कोड स्कैन कर सकते हैं। इस क्यूआर कोड से जुड़ी जानकारी तुरंत स्थानीय अधिकारियों तक पहुंच जाएगी।
  2. क्यूआर कोड के जरिए पहचान:
    यह क्यूआर कोड कूड़ा फेंकने वाले स्थानों पर चिपकाए जाएंगे। नागरिक या किसी अन्य व्यक्ति कूड़ा फेंकते हुए व्यक्ति का चित्र लेकर क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे, जिससे स्थानीय प्रशासन तक सूचना पहुंच जाएगी। क्यूआर कोड में उस स्थान का लोकेशन डेटा, तारीख और समय भी रिकॉर्ड होगा, जिससे मामला स्पष्ट हो जाएगा।
  3. ऑटोमेटिक जुर्माना प्रणाली:
    क्यूआर कोड के जरिए जानकारी मिलने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ स्वचालित जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना सीधे उनके मोबाइल नंबर या पंजीकृत पते पर भेजा जाएगा, जिससे कूड़ा फेंकने वालों पर दबाव बढ़ेगा।
  4. निगरानी और रिपोर्टिंग:
    क्यूआर कोड के माध्यम से प्रशासन को शिकायतों की संख्या और उल्लंघन के मामलों पर रियल-टाइम डेटा मिलेगा, जिससे स्वच्छता अभियान को सही दिशा में चलाया जा सकेगा। साथ ही, यह नागरिकों को भी जागरूक करेगा कि वे अपने आसपास के पर्यावरण की सफाई में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

उद्देश्य और लाभ:

  • स्वच्छता को बढ़ावा:
    इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता बनाए रखना और खुले में कूड़ा फेंकने की आदत को रोकना है। यह उपाय नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने में मदद करेगा।
  • प्रभावी निगरानी:
    क्यूआर कोड सिस्टम से प्रशासन को जल्दी और प्रभावी तरीके से स्वच्छता उल्लंघन का पता चल सकेगा, जिससे तेजी से कार्रवाई की जा सकेगी।
  • जिम्मेदारी का अहसास:
    नागरिकों को यह एहसास होगा कि उनकी हरकतों पर नजर रखी जा रही है, और इससे उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने से हतोत्साहित किया जाएगा।

आखिरकार क्यों यह कदम उठाया गया?

स्वच्छ भारत मिशन और राज्य सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के हर शहर और गली मोहल्ले में स्वच्छता को बढ़ावा मिले और खुले में कूड़ा फेंकने जैसी आदतों को नियंत्रित किया जा सके। क्यूआर कोड की यह तकनीकी पहल खुले में कूड़ा फेंकने की समस्या को सुलझाने के लिए एक कदम आगे बढ़ाएगी और लोगों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाएगी।

इस नए कदम के जरिए सरकार उम्मीद कर रही है कि लोग अपनी आदतों को बदलेंगे और उत्तराखंड एक साफ-सुथरा राज्य बनेगा।

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