पंच बदरी और पंच केदार को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की प्रक्रिया
यूनेस्को की गाइडलाइंस के अनुसार, पंच बदरी और पंच केदार को विश्व धरोहर में शामिल करने के लिए एक प्रारूप तैयार किया जाएगा। इस प्रारूप को तैयार करने में मुंबई की एएनएल एसोसिएट्स के कंजर्वेशन आर्किटेक्ट पर्यटन विभाग की सहायता करेंगे। प्रारूप तैयार होने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, और केंद्र सरकार इसे यूनेस्को को प्रस्तुत करेगी।
अगर पंच बदरी और पंच केदार यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल होते हैं, तो इन मंदिरों के संरक्षण के लिए यूनेस्को से ग्रांट प्राप्त होगी। साथ ही, यूनेस्को की हेरिटेज साइट में पंच बदरी और पंच केदार की पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी।
उत्तराखंड में पर्यटन विकास के लिए नई प्रोत्साहन योजना
उत्तराखंड में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, राज्य सरकार अब पर्यटन सुविधाओं को विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इस संदर्भ में, धामी मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024 को मंजूरी दी गई।
इस योजना के तहत, राज्य में एक से पांच करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट्स पर 33 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक की सब्सिडी और अन्य रियायतें प्रदान की जाएंगी। यह योजना केवल उत्तराखंड के निवासियों और स्थानीय उद्यमियों के लिए होगी, और इसमें राज्य के स्थायी निवासियों को 70 प्रतिशत रोजगार प्रदान करना अनिवार्य होगा।
सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में वृद्धि होगी, पर्यटकों के लिए नई सुविधाएं विकसित होंगी, और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इससे पलायन पर भी अंकुश लगेगा।
पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को नगर निगम बनाने का निर्णय
मंत्रिमंडल ने कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को नगर निगम बनाने का निर्णय लिया है, जिससे राज्य में नगर निगमों की कुल संख्या 11 हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश को विधेयक के रूप में विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत करने समेत कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 36 मुद्दों पर निर्णय लिए गए। विधानसभा सत्र के कारण बैठक में लिए गए निर्णयों की ब्रीफिंग नहीं की गई। मंत्रिमंडल ने पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तुत उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना को चर्चा के बाद मंजूरी दे दी।
वास्तव में, राज्य में वर्तमान में पर्यटन नीति 2023-30 लागू है, जो मुख्य रूप से बड़े निवेश को आकर्षित करने पर केंद्रित है। इस नीति के तहत केवल पांच करोड़ रुपये से अधिक की राशि के प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दिया जाता है। इसके कारण, एक से पांच करोड़ रुपये तक के छोटे प्रोजेक्ट्स के लिए कोई विशिष्ट योजना नहीं थी।
हालांकि, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना भी मौजूदा है, जिसमें एक करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जाती है, लेकिन यह केवल बेरोजगार व्यक्तियों के लिए है। अब राज्य के निवासियों और स्थानीय उद्यमियों के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना प्रस्तुत की गई है।
नई पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना के प्रमुख बिंदु:
– योजना की श्रेणियाँ और सब्सिडी:
– मैदानी क्षेत्र:
– प्रोजेक्ट राशि: एक करोड़ रुपये तक
– सब्सिडी: 33 लाख रुपये तक
– एक से पांच करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट्स पर: 15 प्रतिशत या अधिकतम 80 लाख रुपये
– मध्य क्षेत्र:
– प्रोजेक्ट राशि: एक करोड़ रुपये तक
– सब्सिडी: 33 लाख रुपये तक
– एक से पांच करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट्स पर: 25 प्रतिशत या अधिकतम 1.20 करोड़ रुपये
– उच्च पर्वतीय क्षेत्र:
– प्रोजेक्ट राशि: एक करोड़ रुपये तक
– सब्सिडी: 33 लाख रुपये तक
– एक से पांच करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट्स पर: 25 प्रतिशत या अधिकतम 1.50 करोड़ रुपये
इसके अलावा, योजना में अन्य रियायतें भी शामिल की गई हैं। योजना के तहत स्वीकृत प्रोजेक्ट्स 10 साल तक उसी उद्देश्य के लिए उपयोग में रहेंगे। यदि कोई व्यक्ति अपनी इकाई बेचता है, तो उसे केवल राज्य के निवासियों को ही बेचना होगा।