Homeलाइफस्टाइलएल्युमिनियम फॉयल में खाना पैक करना नुकसानदायक जानिए क्यों

एल्युमिनियम फॉयल में खाना पैक करना नुकसानदायक जानिए क्यों

भोजन को लंबे समय तक गर्म बनाए रखने के लिए हमारे घरों में अक्सर एल्युमिनियम फॉयल का उपयोग किया जाता है। फॉयल में सही ढंग से लपेटी गई रोटियां और अन्य खाद्य पदार्थ कई घंटों तक गर्म और नरम बने रहते हैं। पर क्या इन फॉयलों का उपयोग हमारी सेहत के लिए सुरक्षित है? भोजन को किस प्रकार के बर्तनों में पकाना चाहिए और उनका रखरखाव कैसे करना चाहिए, इस पर कई अध्ययनों में विस्तार से जानकारी दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि एल्युमिनियम के बर्तनों और फॉयल का खाना पकाने और पैकिंग के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है, लेकिन अधिकांश लोग इस बात से अनजान हैं कि यह हमारी सेहत को कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है।

एल्युमिनियम का सेहत पर असर

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कई शोध इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि एल्युमिनियम हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। अनजाने में, हमारे भोजन में भी इसकी मात्रा शामिल हो सकती है।

जिन मिट्टियों में खाद्य पदार्थ उगाए जाते हैं और जो बर्तन भोजन पकाने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं, उनके माध्यम से एल्युमिनियम हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है। हालांकि हमारा शरीर सामान्यतः मल और मूत्र के जरिए इन पदार्थों को बाहर निकाल देता है, लेकिन अगर शरीर में इसकी अधिकता हो जाए, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

विशेषज्ञ कहना

मिस्र स्थित ऐन शम्स यूनिवर्सिटी में रसायन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर गादा बासियोनी के अनुसार, हमारी रसोई में कई ऐसे तत्व हैं जिनके माध्यम से शरीर में एल्युमिनियम पहुंच सकता है। एल्युमिनियम के अत्यधिक संपर्क में आने से भ्रम, मांसपेशियों में कमजोरी, हड्डियों में दर्द, दौरे पड़ने, बोलने में समस्या, और बच्चों में धीमी वृद्धि जैसी समस्याओं का खतरा हो सकता है।

प्रोफेसर गादा का कहना  कि एल्युमिनियम के बर्तनों या पैन में खाना पकाने से अधिक खतरनाक होता है जब इसे एल्युमिनियम फॉयल में लपेट कर ओवन में गर्म किया जाता है।

एल्युमिनियम का रिसाव

एल्युमिनियम को अल्जाइमर, पार्किंसंस रोग और मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ाने वाला पाया गया है। खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों के माध्यम से यह पदार्थ रिसकर हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है। विशेषकर, अम्लीय खाद्य पदार्थ जैसे कि टमाटर या नींबू के साथ एल्युमिनियम का रिएक्शन होने पर रिसाव और अधिक हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रति सप्ताह 1 किलोग्राम शरीर के वजन पर 2 मिलीग्राम से कम एल्युमिनियम का संपर्क सामान्यतः हानिकारक नहीं होता है।

तो क्या बंद कर दें एल्युमिनियम का इस्तेमाल

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रसोई से एल्युमिनियम को पूरी तरह से हटा पाना संभव नहीं है, लेकिन इसके उपयोग को कम करने की कोशिश की जा सकती है।

भोजन को कम तापमान पर पकाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, खाना पकाने के लिए गैर-एल्युमिनियम बर्तनों का उपयोग करें, जैसे कि कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन। लंबे समय तक एल्युमिनियम फॉयल में भोजन रखने से बचना चाहिए और इसे ओवन में गर्म करने से भी परहेज करना चाहिए।

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