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जन्माष्टमी के अवसर पर कान्हा को भोग में अर्पित करें स्वादिष्ट धनिया पंजीरी

साल 2024 में 26 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन भगवान कृष्ण के जन्म दिवस पर लोग व्रत रखते हैं, पूजा का आयोजन करते हैं और भोग में पंजीरी का प्रसाद अर्पित करते हैं। इस प्रसाद में विशेष रूप से धनिया पंजीरी महत्वपूर्ण होती है। यह न केवल स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि इसे बनाना भी बेहद आसान है। पूजा और कथा के अवसर पर भगवान को विभिन्न मिठाइयों का भोग अर्पित करने की परंपरा है, लेकिन इनमें पंजीरी विशेष महत्व रखती है, और जन्माष्टमी का त्योहार तो पंजीरी के बिना पूरा ही नहीं होता। पंजीरी को गेहूं के आटे, धनिया, बेसन और नारियल जैसी सामग्री से बनाया जा सकता है, लेकिन जन्माष्टमी पर धनिया पंजीरी का विशेष महत्व होता है। यह न केवल स्वाद में अद्वितीय होती है, बल्कि सेहत के लिहाज से भी बेहद लाभकारी मानी जाती है।

धनिया पंजीरी को सबसे शुद्ध प्रसाद माना जाता है। कान्हा को भोग अर्पित करने के साथ-साथ, इस दिन व्रत रखने वाले भक्तगण व्रत खोलने के लिए भी इसी पंजीरी का सेवन करते हैं।

धनिया पंजीरी बनाने की विधि

सामग्री 
घी: ¼ कप
काजू (कुटे हुए): 10-12
बादाम (कुटे हुए): 10-12
मखाना: ½ कप
धनिया पाउडर: 2 कप
कद्दूकस किया हुआ सूखा नारियल: ½ कप
पिसी चीनी: ½ कप

विधि

1. एक कढ़ाई को गर्म करें और उसमें 1 बड़ा चम्मच घी डालें।
2. जब घी गर्म हो जाए, तो इसमें काजू और बादाम डालें। इन्हें धीमी आंच पर सुनहरा और कुरकुरा होने तक भूनें। फिर   इन्हें एक बर्तन में निकालकर अलग रख दें।
3. अब उसी कढ़ाई में मखानों को कुरकुरा और हल्का सुनहरा होने तक भूनें।
4. मखाने को हल्का ठंडा होने के बाद एक ग्लास में डालकर कूट लें या मिक्सी में दरदरा कर लें।
5. कढ़ाई में थोड़ा और घी डालें। इसमें धनिया पाउडर डालकर धीमी आंच पर भूरा और सुगंधित होने तक भूनें।
6. धनिया पाउडर के भुन जाने के बाद, भुने हुए ड्राई फ्रूट्स को कढ़ाई में डालें और अच्छी तरह से मिला लें।
7. मिश्रण को थोड़ा ठंडा होने पर उसमें सूखा नारियल और पिसी चीनी डालकर अच्छे से मिला लें।

तैयार है जन्माष्टमी के लिए धनिया पंजीरी का प्रसाद।

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