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सरकारी कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति के संबंध में अब नए और कड़े नियम लागू

प्रदेश सरकार ने अब प्रतिनियुक्ति, सेवा स्थानांतरण और बाह्य सेवा के तहत कर्मचारियों की तैनाती को हतोत्साहित करने का फैसला किया है। इसके तहत, अब किसी कर्मचारी को प्रतिनियुक्ति पर अधिकतम पांच वर्ष ही तैनाती मिल सकेगी। यदि किसी कर्मचारी को इस अवधि के बाद भी तैनाती बढ़ाने की आवश्यकता होगी, तो उसे पांच वर्ष का “कूलिंग पीरियड” पूरा करना होगा। इस अवधि के बाद संबंधित कर्मचारी पुनः आवेदन कर सकेगा, लेकिन इस मामले में निर्णय लेने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी।

किसी भी कर्मचारी को सेवा काल में अधिकतम दो बार ही प्रतिनियुक्ति का लाभ मिलेगा। यदि प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद कर्मचारी अपने मूल विभाग में वापस नहीं लौटता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री धामी ने जताई थी नाराजगी

प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, अभियांत्रिकी सेवाओं समेत विभिन्न विभागों के कई कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई है, जब मूल विभाग पहले से ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनियुक्ति, बाह्य सेवा और सेवा स्थानांतरण के माध्यम से कर्मचारियों की तैनाती पर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि इस व्यवस्था को हतोत्साहित किया जाए।

इस संदर्भ में वित्त सचिव वी. शणमुगम ने मंगलवार को सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, प्रभारी सचिवों, मंडलायुक्तों, विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों के साथ एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में प्रतिनियुक्ति, बाह्य सेवा और सेवा स्थानांतरण की परिभाषाओं को स्पष्ट किया गया है और इन माध्यमों से तैनाती के संबंध में नियमों को कड़ा किया गया है।

अब इन माध्यमों से सामान्य तैनाती की अवधि तीन वर्ष निर्धारित की गई है, जिसे वित्त विभाग की सहमति से दो वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। यह अवधि अधिकतम पांच वर्ष तक होगी और इसे किसी भी स्थिति में आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

प्रतिनियुक्ति की अवधि पूरी होने के बाद कर्मचारी को पांच वर्ष का कूलिंग पीरियड अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा। इसके बाद ही प्रतिनियुक्ति, बाह्य सेवा या सेवा स्थानांतरण के नए प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। इन प्रस्तावों पर निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति द्वारा लिया जाएगा। समिति में कार्मिक विभाग, वित्त विभाग, कर्मचारी के पैतृक विभाग और प्रतिनियुक्ति से संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव सदस्य के रूप में शामिल होंगे।

बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं में तैनात कर्मचारियों के लिए सामान्य पांच वर्ष की सीमा लागू नहीं होगी, लेकिन इस समय अवधि को बढ़ाने के लिए मुख्य सचिव की समिति से अनुमोदन प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में पांच वर्ष से कम समय बचा है, उन्हें प्रतिनियुक्ति, बाह्य सेवा और सेवा स्थानांतरण का लाभ नहीं मिलेगा।

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