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उत्तराखण्ड की रोडवेज बसों में अब वीरांगनाएं और वीर माताओ को मिलेगी निशुल्क यात्रा की सुविधा

देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने बलिदानी सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर यह घोषणा की कि अब से राज्य परिवहन निगम की बसों में इन वीरांगनाओं और वीर माताओं को निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी।

अब तक यह सुविधा केवल वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को मिलती थी, लेकिन इस नई पहल के तहत राज्य के उन 1,685 सैनिकों की वीरांगनाओं और माताओं को भी यह सुविधा प्राप्त होगी, जिन्होंने विभिन्न युद्धों और सैन्य अभियानों में शहीद होकर देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी।

मुख्यमंत्री ने विजय दिवस के मौके पर गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी और इस अवसर पर वीरांगनाओं, वीर माताओं और वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने 1971 के युद्ध में न केवल देश की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा की, बल्कि अपने अद्वितीय रण कौशल से दुश्मन को चारों खाने चित्त कर दिया। यह युद्ध स्वतंत्र भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है, जो हर भारतीय के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने बताया कि इस युद्ध में भारतीय सेनाओं ने मात्र 13 दिनों में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया, और पाकिस्तान के लगभग एक लाख सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया।

उत्तराखंड के 255 वीर सैनिक इस युद्ध में शहीद हुए थे, जिनमें 74 सैनिकों को उनके अदम्य साहस और शौर्य के लिए वीरता पदकों से सम्मानित किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस समय वीर भूमि उत्तराखंड के इन बहादुर सपूतों की शहादत को याद किया और उनकी बहादुरी को सराहा।

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