श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के एमएस ने बताया, यूपी के 100 से अधिक आयुष्मान कार्ड धारकों का अप्रूवल के साथ अस्पताल में इलाज किया गया था। लेकिन, जब भुगतान की बारी आई तो पता चला कि यह सभी आयुष्मान कार्ड फर्जी तरीके से बने हैं। इसलिए इनका भुगतान नहीं किया गया।
उत्तराखंड के मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए उत्तर प्रदेश के फर्जी आयुष्मान कार्ड इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है। लोगों ने इन कार्ड के जरिये यहां इलाज तो करा लिया, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इनका भुगतान नहीं किया। ऐसे मामले जब एकाएक बढ़े तो अस्पतालों की नींद उड़ गई। बताया जा रहा है कि यह किसी गिरोह का काम है। जल्द ही इसमें बड़ा खुलासा हो सकता है।
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल ने अब उत्तराखंड शासन को इस संबंध में सूचित किया है। साथ ही यूपी के मरीजों का आयुष्मान कार्ड से इलाज बंद कर दिया है। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के एमएस डॉ. प्रेरक मित्तल ने बताया, यूपी के 100 से अधिक आयुष्मान कार्ड धारकों का अप्रूवल के साथ अस्पताल में इलाज किया गया था। लेकिन, जब भुगतान की बारी आई तो पता चला कि यह सभी आयुष्मान कार्ड फर्जी तरीके से बने हैं। इसलिए इनका भुगतान नहीं किया गया। यूपी के आयुष्मान कार्ड पोर्टल पर क्वेरी और रिजेक्शन पर बात करने के लिए कोई विकल्प नहीं है। इस संबंध में शासन को सूचित कर दिया गया है।
उधर, दून अस्पताल में भी सिर्फ इमरजेंसी में ही आयुष्मान मरीजों को इलाज दिया जा रहा है। दून अस्पताल के डिप्टी एमएस व आयुष्मान के नोडल डॉ. धनंजय डोभाल ने बताया कि पिछले छह महीने से यूपी से बिलों का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में यह कहा गया है कि इन मरीजों को सिर्फ इमरजेंसी में ही इलाज दिया जाए। अगर इमरजेंसी नहीं है तो मरीज को वापस करना पड़ रहा है।
डॉ. डोभाल ने बताया कि अस्पताल में जब भी यूपी का आयुष्मान का मरीज आता है तो उनके राज्य को इसकी जानकारी देकर इलाज के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। अनुमति तो तुरंत मिल जाती है, लेकिन बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है। अबतक करीब 270 मरीजों का लाखों का बिल बकाया है। इसके लिए शासन को पत्र भी लिखा गया है।