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उत्तराखण्ड में माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन तकनीकी गड़बड़ी हवाई यात्रा पर पड़ा प्रभाव

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण उत्तराखंड में हवाई सेवा और टिकट बुकिंग पर असर पड़ा। सुबह साढ़े 10 बजे से हवाई टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग बंद हो गई। इस वजह से यात्रियों को पूर्व में बुक की गई टिकटों के प्रिंट-आउट भी नहीं मिले। देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर कंप्यूटराइज़्ड बोर्डिंग पास नहीं बन सके, जिसके कारण यात्रियों को मैन्युअल बोर्डिंग पास दिए गए।

सर्वर डाउन होने से जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर एक दर्जन से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं और इन्हें देर से रवाना कर दिया गया। वहीं, शाम को दिल्ली से आने वाली दो उड़ानें कंपनी ने रद्द कर दी। हालांकि, पंतनगर हवाई अड्डे पर हवाई सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा, लेकिन वहां भी बोर्डिंग पास मैन्युअल जारी किए गए। बैंकिंग सेवाओं पर सर्वर में खराबी का कोई खास असर नहीं दिखा।

हवाई टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग सेवा सुबह साढ़े 10 बजे ही ठप हो गई थी, लेकिन विमान सेवाओं पर इसने समय-सारणी को प्रभावित किया। देर से सुबह 11:30 बजे जौलीग्रांट हवाई अड्डे से मुंबई के लिए जाने वाली एक उड़ान 12.44 बजे और दोपहर 12 बजे पुणे के लिए एक उड़ान 1.13 बजे को रवाना हुई।

फ्लाइट्स में एक से दो घंटे की देरी हुई जिसकी वजह सर्वर में खराबी थी। इंडिगो एयरलाइंस की कोलकाता के लिए दोपहर 1:38 बजे और अहमदाबाद के लिए दोपहर 3:03 बजे की उड़ानें देर से रवाना हुईं। विस्तारा एयरलाइंस की मुंबई के लिए दोपहर 3:54 बजे की उड़ान भी देर से रवाना हुई। इस दौरान, इंडिगो एयरलाइंस की लखनऊ के लिए शाम 6:30 बजे की उड़ान भी देर से रवाना हुई। हैदराबाद के लिए भी समय पर उड़ान नहीं भर सकी। सर्वर की खराबी के कारण यात्रियों के बोर्डिंग पास मैन्युअल जारी किए गए और हवाई अड्डे से टिकट खरीदने वालों को भी मैन्युअल टिकट जारी करना पड़ा।

माइक्रोसाफ्ट के सर्वर में हुई तकनीकी गड़बड़ी का असर बैंकिंग सेवाओं पर नहीं पड़ा। इस घटना के बाद जांच करने पर पता चला कि बैंकों के सर्वरों पर माइक्रोसाफ्ट की एप्लिकेशन का उपयोग होता है, न कि माइक्रोसाफ्ट के सर्वर से सीधे इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग होता है। इसलिए, बैंकिंग सेवाओं में समस्याएँ नहीं उत्पन्न हुईं जो सर्वर में हुई गड़बड़ी के कारण हों।

उदाहरण के तौर पर, स्टेट बैंक आफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी ने स्पष्ट किया कि उनके बैंकों के सर्वर व्यावसायिक कार्यों को संचालित करने के लिए उपयुक्त हैं और इनमें माइक्रोसाफ्ट के सर्वर का सीधा उपयोग नहीं होता। इसलिए, उनकी बैंकिंग सेवाओं पर किसी भी तकनीकी गड़बड़ी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

इस घटना से स्पष्ट हुआ कि बैंकों ने अपनी तकनीकी ढांचे को मजबूत बनाए रखने के लिए विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर उपयोग किए जाते हैं, जिससे उनकी सेवाएँ अनियंत्रित नहीं होतीं।

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