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गर्दन से पीठ तक, दर्द दूर करने में मददगार ‘धनुरासन’, ऐसे करें अभ्यास


नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। शरीर को स्वस्थ रखना हो तो योगासन से बेहतर कुछ नहीं। ऐसे में पीठ, कमर हो या गर्दन के दर्द इन्हें धनुरासन के अभ्यास से दूर किया जा सकता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, धनुरासन एक शक्तिशाली योग आसन है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है, बल्कि गर्दन और पीठ के दर्द को दूर करने में भी मदद करता है।

धनुरासन का नाम संस्कृत शब्द ‘धनुर’ यानी ‘धनुष’ से लिया गया है, क्योंकि इसे करते समय शरीर धनुष की तरह झुकता है। यह आसन कोर मांसपेशियों को मजबूत करने, लचीलापन बढ़ाने और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, धनुरासन पाचन तंत्र को मजबूत करने में मददगार है, जिससे कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं। यह अधिवृक्क और थायरॉइड ग्रंथियों के लिए भी लाभकारी है। यह उन ग्रंथियों के कार्य को बेहतर करता है, जो हार्मोन संतुलन में मदद करते हैं। यही नहीं, धनुरासन कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है। इससे तनाव और थकान कम होता है और यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, जिससे मानसिक शांति भी मिलती है।

आयुष मंत्रालय धनुरासन अभ्यास से मिलने वाले लाभ को गिनाने के साथ ही इसके अभ्यास की विधि भी बताता है। इसके लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं, पैरों को एक साथ और हाथों को शरीर के बगल में रखें। सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और एड़ियों को हाथों से पकड़ें। अब सांस लेते हुए जांघों, सिर और छाती को पेट के निचले हिस्से पर केंद्रित करते हुए जितना संभव हो ऊपर उठाएं। इस स्थिति को 10-20 सेकंड तक बनाए रखना चाहिए। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाना चाहिए। अभ्यास के अंत में मकरासन (मगरमच्छ मुद्रा) में विश्राम करना चाहिए।

धनुरासन के फायदे गर्दन और पीठ के दर्द में राहत: धनुरासन रीढ़ को लचीला बनाता है और गर्दन, कंधों और पीठ के दर्द को कम करता है। यह मांसपेशियों को खींचकर तनाव को दूर करता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी प्रदान करता है। हालांकि, इसे करने से पहले योग प्रशिक्षक की सलाह जरूर लेनी चाहिए, खासकर अगर रीढ़ या पेट से संबंधित कोई समस्या हो।

–आईएएनएस

एमटी/केआर

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