भाई-बहन का सबसे बड़ा त्योहार रक्षाबंधन इस साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन को राखी के नाम से भी जाना जाता है. यह हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा (राखी) बांधकर उनकी सुरक्षा की कामना करती हैं, वहीं भाई जीवन के हर मोड़ पर अपनी बहनों की रक्षा का वचन लेते हैं. ऐसे में खबर के जरिए जानिए कि एक भाई कितने दिनों तक अपनी कलाई पर राखी रख सकता है…
एक भाई अपनी बहन द्वारा बंधी राखी को कितने दिनों तक अपनी कलाई से हटाता है, यह उसकी श्रद्धा, सुविधा और व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर करता है. लेकिन धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कुछ मान्यताएं और नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है.
धार्मिक दृष्टिकोण से राखी को कलाई पर कितने दिनों तक रखा जा सकता है?
धार्मिक दृष्टि से कलाई से राखी उतारने का कोई निश्चित समय या कोई विशेष दिन नहीं होता है. कलाई पर बंधी राखी को सावन पूर्णिमा से लेकर भाद्रपद अमावस्या तक यानी 15 दिनों तक रखा जा सकता है, वहीं कुछ मान्यताएं यह भी कहती हैं कि भाइयों को तीन, सात, या 11 दिनों तक कलाई पर बंधी राखी को रखना चाहिए और फिर उतार देना चाहिए. कई लोग जन्माष्टमी या गणेश चतुर्थी के दिन भी कलाई से राखी उतारते हैं, लेकिन राखी को कम से कम 24 घंटे तक कलाई पर बंधा रहने देना चाहिए और यह भी ध्यान रखें कि राखी को पित्तपक्ष से पहले कलाई से उतार लेना चाहिए.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से राखी को कलाई पर कितने दिनों तक रखा जा सकता है?
विज्ञान कहता है कि राखी को कलाई पर ज्यादा देर तक नहीं बांधना चाहिए. विज्ञान के अनुसार, राखी या रक्षासूत्र सूती या रेशमी धागे से बना होता है, जो पानी या धूल के संपर्क में आने पर गंदा हो जाता है और इससे बैक्टीरिया का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए, आपको राखी को अपनी कलाई पर तभी तक रखना चाहिए जब तक वह अच्छी और साफ-सुथरी स्थिति में हो. इसके साथ ही, विज्ञान यह भी कहता है कि राखी को ज़्यादा देर तक बांधे रखने से रक्त संचार प्रभावित होता है. इससे कलाई की नसों में रक्त का थक्का जम सकता है.
शुभ मुहूर्त और अनुष्ठान (2025)
द्रिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में, 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन की रस्में दोपहर 1:23 बजे तक की जा सकेंगी. इस दिन शुभ आयुष्मान और सौभाग्य योग के साथ-साथ स्थिर योग भी रहेगा. 9 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:39 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक है. भद्रा काल 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से 9 अगस्त को सुबह 1:52 बजे तक रहेगा. आमतौर पर राखी बांधने के लिए दोपहर का समय सबसे उपयुक्त होता है, लेकिन कभी-कभी यह समय भद्रा के दौरान पड़ता है, इसलिए प्रदोष काल में भी यह समारोह किया जा सकता है.
इस समय भूलकर भी न बांधें राखी
भद्रा काल में राखी बाधने से बचना जरूरी है, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है. व्रतराज जैसे हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, रक्षा बंधन सहित कोई भी शुभ या पवित्र कार्य भद्रा के दौरान नहीं करना चाहिए.
राखी कैसे मनाई जाती है?
बहनें राखी, रोली (लाल धागे का पाउडर), चावल, मिठाई और दीये जैसी जरूरी चीजों से थाली सजाती हैं. आरती करने के बाद, वे अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और राखी बांधती हैं. इसके बाद भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं और रक्षा का वचन देते हैं.
(डिस्क्लेमर: ये सामान्य जानकारी केवल पढ़ने के उद्देश्य से प्रदान की गई है. ईटीवी भारत ज्योतिषी के दावे की पुष्टि नहीं करता है.)