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हर 3 महीने में अपना टूथब्रश जरूर बदलें, वरना आपकी सेहत को हो सकता है खतरा, जानें कैसे


स्वस्थ रहने के लिए ओरल हेल्थ का अहम रोल होता है. इसके लिए मुंह को अंदर से साफ रखना बेहद जरूरी है. हम जो खाना खाते हैं वो मुंह के जरिए पेट में जाता है. लेकिन हम में से कई लोग ऐसे भी हैं जो तीन महीने से ज्यादा समय तक एक ही ब्रश से दांत साफ करते हैं. इससे हमारे शरीर में कई बीमारियां घर कर सकती हैं और हमें पता भी नहीं चलता. इसलिए सबसे पहले आपको नियमित रूप से अपना ब्रश बदलने की जरूरत है. ब्रश को साफ रखना भी जरूरी है. आप हर तीन महीने में अपना ब्रश बदलकर और अच्छी क्वालिटी का ब्रश इस्तेमाल करके ओरल हेल्थ को बरकरार रख सकते हैं.विकास गौड़, दंत चिकित्सक के मुताबिक दिन में दो बार ब्रश करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है. आइए इस खबर के जरिए जानते हैं आपको कितनी बार अपना टूथब्रश बदलना चाहिए और इसका इस्तेमाल कैसे करना चाहिए.

ओरल हेल्थ पूरे शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. जब हमारे दांत और मसूड़े स्वस्थ होते हैं, तभी हम भोजन को ठीक से चबा सकते हैं, स्पष्ट बोल सकते हैं और आत्मविश्वास से मुस्कुरा सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ओरल हाइजीन को नजरअंदाज करने से दांतों में सड़न, मसूड़ों की बीमारी और सांसों की बदबू जैसी समस्याएं हो सकती हैं. लंबे समय तक एक ही टूथब्रश का इस्तेमाल करने से न सिर्फ मुस्कान की खूबसूरती कम होती है, बल्कि विशेषज्ञों का कहना है कि खराब ओरल हाइजीन से दिल की बीमारी भी हो सकती है.

  • हर तीन महीने में: विकास गौड़, दंत चिकित्सक का कहना है कि टूथब्रश के मामले में आपको ‘तीन महीने का नियम’ अपनाना चाहिए. इसका मतलब यह है कि ब्रश चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, उसे हर तीन महीने में बदल देना चाहिए. विशेषज्ञों के अनुसार, तीन महीने के बाद ब्रश काम करना बंद कर देता है. इसके ब्रिसल्स भी खराब हो जाते हैं. इसका मतलब यह है कि आप इन टूथब्रश से चाहे जितनी बार भी ब्रश करें, आपके दांत साफ नहीं होंगे और दांतों की समस्या पैदा होगी. इसके अलावा, घिसा हुआ टूथब्रश दांतों की सफाई में कम प्रभावी होता है. द जर्नल ऑफ द अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के एक अध्ययन के अनुसार, अपने टूथब्रश को हर तीन से चार महीने में बदलना जरूरी है या जैसे ही ब्रश के ब्रिसल्स खराब हो जाएं.
  • टूथब्रश पर माइक्रोऑर्गेनिज्म: विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही ब्रश अच्छी स्थिति में हो, लेकिन कुछ दिनों के बाद यह समाइक्रोऑर्गेनिज्म का घर बन सकता है. इसके अलावा, हम में से ज्यादातर लोग अपने ब्रश को सिंक और बाथरूम के पास रखते हैं, जिससे टूथब्रश पर सूक्ष्मजीव जमा हो सकते हैं. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में कहा गया है कि इससे हार्ट डिजीज, गठिया और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती. इसलिए, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उन्हें नियमित रूप से बदलना जरूरी है.
  • क्या आप भी ऐसे ही ब्रश करते हैं? कई लोग अपने दांतों को ब्रश करते समय सोचते हुए या जोर-जोर से ब्रश करते हैं. जिसकी वजह से कुछ दिनों बाद दांत फीके दिखने लगते हैं. क्या आप भी ऐसे ही ब्रश करते हैं? ऐसा करना कई परेशानियों को न्योता देने जैसा है. साथ ही इससे दांत ठीक से साफ भी नहीं होते. इसलिए हमेशा जिगजैग और स्लो मोशन में ब्रश करना अच्छा रहता है.
  • इंफेक्शन का खतरा: विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आपको सर्दी, बुखार या खांसी जैसी कोई संक्रामक बीमारी है, तो आपको इसके ठीक होने के बाद अपना टूथब्रश बदल देना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि संक्रामक बीमारियों के कारण बैक्टीरिया और वायरस आपके टूथब्रश पर कुछ दिनों तक रह सकते हैं. इससे दोबारा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, विशेषज्ञों की राय है कि किसी भी संक्रामक बीमारी के तुरंत बाद अपना टूथब्रश बदलना जरूरी है.
  • अपने दांतों को कैसे ब्रश करें? मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, मेयो क्लिनिक के विशेषज्ञ सुबह उठने से पहले और रात को सोने से पहले कम से कम दो मिनट तक फ्लोराइड टूथपेस्ट से अपने दांतों को ब्रश करने की सलाह देते हैं. ब्रश को 45 डिग्री के कोण पर पकड़ें और दांतों की सतह और मसूड़ों के पास हल्के गोलाकार गति में ब्रश करें. बहुत जोर से ब्रश करने से दांतों का इनेमल खराब हो सकता है. विशेषज्ञ हर 3-4 महीने में अपना टूथब्रश बदलने की भी सलाह देते हैं.

(डिस्क्लेमर: यह सामान्य जानकारी केवल पढ़ने के उद्देश्य से प्रदान की गई है. ईटीवी भारत इस जानकारी की वैज्ञानिक वैधता के बारे में कोई दावा नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए कृपया डॉक्टर से परामर्श लें.)

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