अहमदाबाद, 12 जुलाई (आईएएनएस)। गुरु पूर्णिमा के शुभ दिन अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने अंगदान के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 200वें अंगदान की प्रक्रिया पूरी की। इस महायज्ञ में अमरेली निवासी महेशभाई सोलंकी के ब्रेन डेड होने के बाद उनके परिवार ने करुणामयी निर्णय लेते हुए उनके अंग दान किए, जिससे कई जिंदगियों में नई रोशनी आई।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी के अनुसार, पिछले साढ़े चार वर्षों में हुए कुल 200 अंगदानों के जरिए अब तक 657 अंगों का प्रत्यारोपण किया गया है, जिससे 638 मरीजों को नया जीवन मिला है। अंगदान किए गए अंगों में 175 लीवर, 364 किडनी, 64 हृदय, 14 अग्न्याशय, 6 हाथ, 32 फेफड़े, 2 छोटी आंतें और 21 त्वचा शामिल हैं।
2 जुलाई को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल महेशभाई सोलंकी को इलाज के लिए अहमदाबाद लाया गया। 9 जुलाई को उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया और परिवार ने अंगदान का फैसला लिया। उनके द्वारा दान किए गए अंगों में हृदय, लीवर, अग्न्याशय और दोनों गुर्दे शामिल हैं, जिनका प्रत्यारोपण जरूरतमंद मरीजों में किया गया।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल राज्य का एकमात्र अस्पताल बन गया, जिसने 200 अंगदान पूरे किए हैं। डॉ. जोशी ने इसे टीमवर्क और समर्पण का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “हर अंगदान के पीछे एक परिवार की संवेदनशीलता और दूसरे परिवार की उम्मीद जुड़ी होती है।”
डॉ. जोशी ने सभी अंगदाताओं और उनके परिवारों को नमन करते हुए कहा, “यह उपलब्धि न सिर्फ अस्पताल की है, बल्कि उन 200 परिवारों की है जिन्होंने मानवता की मिसाल पेश की है। हमारा लक्ष्य है कि कोई भी अंगों के इंतजार में अपनी जान न गंवाए।”
बता दें कि 2020 से सिविल अस्पताल अंगदान को लेकर निरंतर जनजागरूकता अभियान चला रहा है। इसका नतीजा है कि न सिर्फ गुजरात, बल्कि भारत के अन्य राज्यों और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से भी लोग इस अभियान से जुड़ते जा रहे हैं।
–आईएएनएस
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