[ad_1]
तिरुवनंतपुरम, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। तिरुवनंतपुरम निगम में नियुक्तियों को लेकर विवादों के बीच बुधवार को केरल की पिनाराई विजयन सरकार ने राज्यपाल को चांसलर के पद से हटाने के लिए विधानसभा में एक विधेयक पेश किया।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के पास इसी मुद्दे पर एक अध्यादेश काफी लंबे समय से पड़ा हुआ है।
राज्य के कानून मंत्री पी. राजीव ने इस विधेयक का संचालन किया, जिसका कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष, विशेष रूप से विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने पुरजोर विरोध किया और कहा कि विधेयक में चांसलर के लिए आवश्यक योग्यता का उल्लेख नहीं है।
इसका मतलब है कि अगर सरकार चाहे तो अपनी पार्टी के स्थानीय सचिव को भी चांसलर बना सकती है। आप (वामपंथी) अक्सर कहते रहे हैं कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों का भगवाकरण करने की कोशिश कर रहे हैं और अब प्रस्तावित विधेयक से इसे वामपंथी विचार में बदलने की कोशिश कर रहे हैं, सतीशन ने कहा।
अब, विधेयक को केरल विधानसभा की विषय समिति को भेजा जाएगा और 13 दिसंबर को विधानसभा के पटल पर वापस आएगा और तत्काल पारित कर दिया जाएगा।
विधेयक को अंतत: खान के पास भेजा जाएगा, क्योंकि विधायी नियमों के अनुसार, कानून बनने के लिए सभी विधेयकों पर राज्यपाल के हस्ताक्षर होने चाहिए।
लेकिन खान ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वह अपने से जुड़े किसी मुद्दे पर फैसला नहीं सुनाएंगे।
इसलिए इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
–आईएएनएस
एसकेपी
[ad_2]