केदारनाथ :भाई दूज के पर्व पर आज सुबह 8.30 बजे केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए। हजारों लोगों ने इस मौके पर बाबा केदार का दर्शन किया। बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने सेना की बैंड धुनों के साथ अपने मूल स्थान से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान किया है। बाबा केदार की डोली सुबह पहले रामपुर पहुंचेगी।
16 लाख से अधिक लोग अब तक धाम पहुंचे हैं। पिछले छह दिनों में ९९ हजार लोग केदारनाथ पहुंचे और भोले बाबा से आशीर्वाद लिया।
पिछले तीन सप्ताह से प्रतिदिन 13 हजार से 20 हजार यात्री दर्शनों में पहुंच रहे हैं। यात्रियों की संख्या बढ़ने से तीर्थयात्रा और पर्यटन भी बढ़ रहे हैं, जिससे यात्रा व्यवसायों को भी फायदा हो रहा है।
10 मई को, चारधाम में से एक, केदारनाथ मंदिर के कपाट आम लोगों के दर्शनार्थ खुले गए। यात्रा की शुरुआत से ही केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी।
दो महीने तक यात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई, लेकिन जुलाई से यात्रियों की संख्या में गिरावट शुरू हो गई। 31 जुलाई को आपदा ने केदारनाथ पैदल मार्ग को भारी नुकसान पहुँचाया, जिसके कारण यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा।
प्रशासन के प्रयासों के बाद पहले धाम पर फंसे लोगों को बचाया गया। पैदल मार्ग को खोलने का काम भी शुरू हुआ। जैसे तैसे केदारनाथ पैदल मार्ग को आवाजाही के लिए लगभग पंद्रह दिन में खोला गया, लेकिन खतरा बरकरार था। इसके बाद केदारनाथ केवल कुछ यात्री ही पहुंचने लगे।
क्षतिग्रस्त स्थानों पर केदारनाथ पैदल मार्ग को लगभग दो मीटर चौड़ा किया गया। सितंबर के अंत से यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई। पिछले तीन सप्ताह से हर दिन 13 से 20 हजार यात्री दर्शनों में पहुंच रहे हैं।
31 अक्टूबर तक, 1602144 लोगों ने बाबा केदार का दर्शन किया है। हेली सेवा से लगभग 1.26 लाख यात्री बाबा केदार को देखा है। मंदिर समिति और पर्यटन व्यवसायी इससे लाभ उठा रहे हैं। वहीं धार्मिक पर्यटन और तीर्थाटन भी बढ़ रहे हैं।
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने बताया कि बड़ी संख्या में यात्री बाबा केदार की दूसरी चरण यात्रा पर जा रहे हैं। 16 लाख से अधिक लोगों ने यात्रा की है।