मुख्य सचिव ने जागेश्वर धाम मास्टर प्लान पर पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि आने वाले समय में जो क्षेत्र बॉटल नेक बन सकते हैं, उन्हें अभी से इस प्रकार से डिजाइन किया जाए कि यातायात बढ़ने के बाद भी जाम की संभावना कम हो।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने कहा कि आगामी 40 सालों में क्षेत्र की यातायात व्यवस्था व अन्य पर्यटन सुविधाओं को ध्यान में रख कर जागेश्वर धाम विकसित किया जाए। धाम के आसपास के क्षेत्रों को भी मास्टर प्लान में शामिल कर पर्यटन की दृष्टि से विकसित करें।
बृहस्पतिवार को सचिवालय में मुख्य सचिव ने जागेश्वर धाम मास्टर प्लान पर पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि आने वाले समय में जो क्षेत्र बॉटल नेक बन सकते हैं, उन्हें अभी से इस प्रकार से डिजाइन किया जाए कि यातायात बढ़ने के बाद भी जाम की संभावना कम हो।जागेश्वर धाम के आसपास वन क्षेत्र होने के कारण ईको दूरिज्म की संभावनाएं भी तलाशें। उन्होंने ऐसे दर्शनीय स्थलों को भी चिन्हित करने के निर्देश दिए जहां दूरबीन स्थापित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ऐसे बहुत से व्यू प्वाइंट हैं, जहां से हिमालय की पूरी श्रृंखला दिखाई देती है। चारधाम यात्रा के दौरान गढ़वाल क्षेत्र में काफी भीड़ होती है, ऐसे में कुमाऊं क्षेत्र विकसित होने के बाद धार्मिक और पर्यटक स्थल पर्यटकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इस मौके पर सचिव सचिन कुर्वे समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।