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बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी..ऐसे में उन्हें सही तरीके से हैंडल

सेहतमंद रहने के लिए मानसिक स्वास्थ्य का संतुलित होना बेहद जरूरी है, और इसी उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को World Mental Health Day मनाया जाता है। इस मौके पर आज हम बच्चों में बढ़ते तनाव के बारे में चर्चा करेंगे।

बच्चों में स्ट्रेस के संकेत:

  1. भावनात्मक परिवर्तन:
    • बार-बार रोना या चिड़चिड़ापन।
    • निराशा या चिंता की भावना।
  2. शारीरिक लक्षण:
    • सिरदर्द या पेटदर्द जैसी समस्याएं।
    • नींद की कमी या अत्यधिक नींद आना।
  3. व्यवहार में बदलाव:
    • पढ़ाई में रुचि कम होना या स्कूल में प्रदर्शन में गिरावट।
    • सामाजिक गतिविधियों से दूर रहना।
  4. खाने की आदतों में बदलाव:
    • खाने में रुचि न होना या अचानक अधिक खाना।
  5. आक्रामक व्यवहार:
    • छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना या झगड़ालू होना।
  6. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई:
    • कार्यों पर ध्यान न दे पाना या बार-बार ध्यान भटकना।
      1. खुले संवाद को बढ़ावा दें: बच्चे से बात करें और उनके विचारों और भावनाओं को सुनें। इससे उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद मिलेगी।
      2. नियमित दिनचर्या: बच्चों के लिए एक स्थिर दिनचर्या बनाएं, जिसमें खेलने, पढ़ाई और आराम करने का समय हो।
      3. फिजिकल एक्टिविटी: बच्चों को खेलों में शामिल करें। शारीरिक गतिविधियां तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं।
      4. ध्यान और योग: बच्चों को ध्यान या योग सिखाएं। ये तकनीकें मानसिक शांति और संतुलन बनाने में मदद करती हैं।
      5. समर्थन नेटवर्क: परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने को बढ़ावा दें। एक मजबूत सामाजिक नेटवर्क से बच्चे को भावनात्मक समर्थन मिलेगा।
      6. प्रोफेशनल हेल्प: यदि स्थिति गंभीर हो जाती है, तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लेना उचित हो सकता है।

        बच्चों में स्ट्रेस के संकेत:

        • बार-बार रोना: बिना किसी स्पष्ट कारण के अक्सर रोना।
        • गुस्सा आना: छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन या झगड़ालू व्यवहार।
        • नींद की समस्याएं: रात में सोने में परेशानी या अधिक नींद आना।
        • स्कूल में प्रदर्शन में गिरावट: पढ़ाई में ध्यान नहीं लगाना या असाइनमेंट में कमी।
        • भोजन में बदलाव: खाना खाने में रुचि न होना या अधिक खाना।

        तनाव को हैंडल करने के उपाय:

        • खुले संवाद को बढ़ावा दें: बच्चे से बात करें और उनके विचारों और भावनाओं को सुनें। इससे उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद मिलेगी।
        • नियमित दिनचर्या: बच्चों के लिए एक स्थिर दिनचर्या बनाएं, जिसमें खेलने, पढ़ाई और आराम करने का समय हो।
        • फिजिकल एक्टिविटी: बच्चों को खेलों में शामिल करें। शारीरिक गतिविधियां तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं।
        • ध्यान और योग: बच्चों को ध्यान या योग सिखाएं। ये तकनीकें मानसिक शांति और संतुलन बनाने में मदद करती हैं।
        • समर्थन नेटवर्क: परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने को बढ़ावा दें। एक मजबूत सामाजिक नेटवर्क से बच्चे को भावनात्मक समर्थन मिलेगा।
        • प्रोफेशनल हेल्प: यदि स्थिति गंभीर हो जाती है, तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लेना उचित हो सकता है।

निष्कर्ष:

इन संकेतों को पहचानकर माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। यदि आपको बच्चे में तनाव के लक्षण दिखें, तो उनसे खुलकर बात करें और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेने से न हिचकिचाएं। बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य उनकी समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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