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महाराष्ट्र चुनाव को लेकर राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग के सूत्रों ने दिया जवाब


नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में एक अखबार में लेख लिखकर नवंबर 2024 में हुए इस चुनाव में “गड़बड़ी” और “मैच फिक्सिंग” के आरोप लगाए। इस पर चुनाव आयोग के सूत्रों ने नौ बिंदुओं में जवाब दिया है।

चुनाव आयोग के अंदरूनी सूत्रों ने गलत सूचनाओं के माध्यम से सनसनी फैलाने के लिए गांधी और उनकी कांग्रेस की भी आलोचना की। चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल गांधी की चिताओं पर औपचारिक जवाब तभी दिया जा सकता है जब वह आयोग को लिखकर शिकायत भेजें। अब तक उन्होंने न तो कोई पत्र भेजा है और न ही मिलने का समय मांगा है।

चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस पार्टी को 15 मई 2025 को आयोग से मिलने का बुलावा भेजा गया था, लेकिन उन्होंने मिलने से बचने की कोशिश की और कुछ समय की मांग की।

चुनाव आयोग के एक अंदरूनी सूत्र ने संकेत दिया कि अखबार के लेख को गांधी की औपचारिक शिकायत नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही दिलचस्प है कि राहुल गांधी एक तरफ कहते हैं कि उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे बहुत गंभीर हैं, लेकिन जब उन्हें चुनाव आयोग को लिखित रूप में बताने की बात आती है, तो वे पीछे हट जाते हैं।”

उन्होंने कहा, “प्रक्रिया के अनुसार, यह हर कोई जानता है कि चुनाव आयोग सहित कोई भी संवैधानिक निकाय औपचारिक रूप से तभी जवाब देगा, जब राहुल गांधी उन्हें पत्र लिखेंगे।”

उन्होंने कहा, “यह बहुत ही अजीब है कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी राहुल गांधी ने न तो चुनाव आयोग को कोई पत्र लिखा है और न ही बैठक के लिए कोई समय मांगा है।”

राहुल गांधी ने अपने लेख में चुनावी मतदाता सूची में गड़बड़ी, ज्यादा वोटिंग दिखाना और फर्जी वोटिंग जैसे आरोप लगाए थे। कांग्रेस और उसके सहयोगी महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से केवल 46 सीटें ही जीत पाए। उन्होंने चुनाव आयोग पर टालमटोल करने का आरोप लगाया और लोकसभा तथा महाराष्ट्र विधानसभा सहित हाल के चुनावों के लिए डिजिटल मतदाता सूची प्रकाशित करने तथा मतदान के दिन शाम 5 बजे के बाद महाराष्ट्र में मतदान केंद्रों से सीसीटीवी फुटेज जारी करने की मांग की।

सीसीटीवी फुटेज साझा करने की मांग को खारिज करते हुए चुनाव आयोग के पैनल ने कहा: “चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार, मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की किसी भी चुनाव याचिका में सक्षम उच्च न्यायालय द्वारा हमेशा जांच की जा सकती है।” आयोग का यह नियम वोटरों की गोपनीयता और चुनाव की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए है।

घटनाक्रम से अवगत चुनाव आयोग के एक अंदरूनी सूत्र ने पूछा, “राहुल गांधी स्वयं या अपने एजेंटों के माध्यम से मतदाताओं की गोपनीयता का उल्लंघन क्यों करना चाहते हैं, जिसकी सुरक्षा चुनाव आयोग को चुनावी कानूनों के अनुसार करनी चाहिए? क्या राहुल गांधी को अब उच्च न्यायालयों पर भी भरोसा नहीं है?”

चुनाव आयोग के सूत्रों ने यह भी कहा कि जब राहुल गांधी चुनावी सूची में गड़बड़ी की बात करते हैं, तो वह अप्रत्यक्ष रूप से अपने ही पार्टी के बूथ एजेंट्स, पोलिंग एजेंट्स और गिनती एजेंट्स को गलत ठहरा रहे हैं। साथ ही यह आरोप उन लाखों सरकारी कर्मचारियों पर भी सवाल उठाते हैं जो चुनाव में मेहनत से काम करते हैं।

चुनाव आयोग के अंदरूनी सूत्र ने कहा: “देश भर में आयोग द्वारा नियुक्त 10.5 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख मतदान अधिकारी और 1 लाख मतगणना पर्यवेक्षक भी राहुल गांधी की ओर से लगाए जा रहे इन निराधार आरोपों से बहुत नाराज हैं, जो उनकी ईमानदारी और कड़ी मेहनत पर सवाल उठाते हैं।”

–आईएएनएस

एएस/

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