बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में विनिर्माण क्षेत्र में 10.6 लाख करोड़ की घोषणाएं हुईं थीं। सेवा क्षेत्र में (वित्त को छोड़कर) 10.3 लाख करोड़ की घोषणाएं हुईं हैं, जो दोगुना बढ़त है।
देश में वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 29 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं की घोषणाएं हुई हैं। 2021-22 में 22 लाख करोड़ की घोषणाएं हुईं थीं। सबसे ज्यादा 12.4 लाख करोड़ की विनिर्माण क्षेत्र में घोषणाएं हुईं हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में विनिर्माण क्षेत्र में 10.6 लाख करोड़ की घोषणाएं हुईं थीं। सेवा क्षेत्र में (वित्त को छोड़कर) 10.3 लाख करोड़ की घोषणाएं हुईं हैं, जो दोगुना बढ़त है। इलेक्ट्रिसिटी में 6.1 लाख करोड़ की परियोजनाएं घोषित हुईं हैं, जो 2021-22 में 4.9 लाख करोड़ रुपये की थी।
सेवा क्षेत्र में केवल परिवहन और सूचना एवं प्रौद्योगिकी परियोजनाओं में बढ़त आई है। परिवहन में घोषित परियोजनाओं का निवेश 3.9 लाख करोड़ से बढ़कर 8.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है। आईटी में 0.5 लाख करोड़ से बढ़कर 1.1 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। विनिर्माण क्षेत्र में केमिकल एवं इसके उत्पादों की परियोजनाओं में निवेश तीन लाख करोड़ से बढ़कर 7.3 लाख करोड़ पर पहुंच गया है।
रुकी हुई परियोजनाओं की सुधार दर में गिरावट
रुकी परियोजनाओं के अमल में सुधार की दर में भारी गिरावट है। वित्त वर्ष 2019 में दर 19.7% थी जो 2020 में 6.5% व 2021 में 76.4% पर पहुंच गई थी। 2022 में यह दर 13.9% और 2023 में यह घटकर 4.1% पर पहुंच गई।
नए प्रोजेक्ट की घोषणाएं
वित्तवर्ष रकम
2016 24 लाख करोड़
2017 20 लाख करोड़
2018 17 लाख करोड़
2019 18 लाख करोड़
2020 20 लाख करोड़
2021 10 लाख करोड़