अगर किसी व्यक्ति के पास राशनकार्ड नहीं है, तो उसे अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अंतर्गत भी आयुष्मान कार्ड बनवाने का मौका मिलेगा। इसके लिए उन्हें मतदाता पहचान पत्र से भी अपना कार्ड बनवाने का विकल्प होगा, जिसे आधार के माध्यम से सत्यापित किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस संबंध में सरकार को एक प्रस्ताव भेज दिया है और जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
दिसंबर 2018 में प्रदेश सरकार ने अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के पांच साल बाद भी लगभग 82 लाख लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है। योजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले कार्ड की संख्या अभी 57 लाख है, जिससे लगभग 25 लाख लाभार्थियों को अभी भी मुफ्त उपचार से वंचिती है।
मतदाताओं ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से इस मुद्दे पर शिकायत की है, क्योंकि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशनकार्ड की आवश्यकता है, और कई परिवारों के पास यह नहीं है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अपने अधिकारियों को इस समस्या का समाधान खोजने के निर्देश दिए थे। इसके परिणामस्वरूप, आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को मतदाता पहचान पत्र का विकल्प प्रस्तावित किया गया था, जिसे शासन को भेज दिया गया था। हालांकि, शासन ने इस प्रस्ताव में आधार कार्ड की अनिवार्यता के साथ संशोधन कर दिया था और उसे वापस भेज दिया था।
अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस संशोधित प्रस्ताव को फिर से शासन को भेज दिया है। इस प्रस्ताव पर जल्द ही स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होने वाली है। यह प्रस्ताव कैबिनेट द्वारा स्वीकृति प्राप्त करने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को भेजा जाएगा। जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण इसे स्वीकृति देगा और विकल्पधारियों का डेटा पोर्टल पर फीड होगा, तब इस सुविधा का लाभ उन लोगों को मिलने लगेगा, जिनके पास राशनकार्ड के अभाव में आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है।
इस सुविधा के अंतर्गत, परिवार के मुखिया को यह सुविधा मिलेगी और उसके आधार पर ही परिवार के अन्य सदस्यों का कार्ड बनाया जाएगा। मतदाता पहचान पत्र बनाना आसान होता है और इसे देश के किसी भी नागरिक कहीं भी बनवा सकता है, जिससे आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग न हो, क्योंकि इसे आधार से जोड़ा गया है।