उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुई एक दिल दहला देने वाली बस दुर्घटना ने हर किसी को भावुक कर दिया। दुर्घटना के समय, जब बस खाई में गिरने लगी, तब मां प्रमिला ने अपनी बेटी और बेटे को बचाने की अंतिम कोशिश की। प्रमिला ने अपनी बेटी को एक हाथ से कसकर सीने से लगा लिया और दूसरे हाथ से बेटे का हाथ पकड़कर उसे खींचने लगी। इसके बाद वह खाई में पलटती बस से कूद गई, लेकिन उस हादसे के बाद कुछ भी याद नहीं रहा।
घटना के बाद, जब प्रमिला को होश आया और वह एसटीएच (सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय) में भर्ती हुई, तो उसने अपने परिवार वालों से वह दुखद दृश्य साझा किया। उसकी आंखों में आंसू थे, लेकिन शब्दों में बस एक ही दर्द था – “मौत सामने थी, बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, फिर भी मैंने अपनी पूरी ताकत लगाकर बच्चों को बचाने की कोशिश की।” प्रमिला ने बताया कि वह बस से कूदने के बाद बेहोश हो गई थी और कुछ भी याद नहीं है।
यह कहानी सुनकर उसके परिवार के सदस्य भी रो पड़े। प्रमिला की सात वर्षीय बेटी अवनी पास के बेड पर गुमसुम सी पड़ी हुई थी। उसकी चुप्पी, उसकी मासूमियत, और उसकी आंखों में छिपा डर हर किसी को भावुक कर रहा था।
प्रमिला के पति दीपक रावत, जो हरिद्वार में एक निजी कंपनी में काम करते हैं, इस दर्दनाक घटना के बाद अपने परिवार को संजीवनी देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। प्रमिला के बेटे की हालत भी गंभीर है और वह अस्पताल में भर्ती है।
यह दुखद घटना एक बार फिर से यह याद दिलाती है कि मां की ममता कितनी अपार होती है। अपने बच्चों की जान बचाने के लिए एक मां अपनी जान की भी परवाह नहीं करती।