कार्बाइड का इस्तेमाल केले को आर्टिफिशियल तरीके से पकाने के लिए किया जाता है, जो आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। इस समय तीज-त्योहार के मौके पर मार्केट में मिलावटी केले (Carbide Banana) धड़ल्ले से बिक रहे हैं।
1. रंग और चमक:
पके केले का रंग आमतौर पर एक समान और चमकीला होता है। अगर केला बहुत ही चमकीला या असामान्य रूप से पीला दिखता है, तो यह कार्बाइड से पकाया गया हो सकता है।
2. छिलके की सतह:
ज्यादातर प्राकृतिक पके केले के छिलके पर छोटे-छोटे दाग या खुरदरापन होते हैं। अगर छिलका बहुत चिकना और बिना किसी दाग-धब्बे का है, तो यह संकेत हो सकता है कि केला केमिकल से पका है।
3. गंध:
प्राकृतिक पके केले में एक मीठी खुशबू होती है। अगर केले से असामान्य गंध आ रही हो, तो यह कार्बाइड की मौजूदगी का संकेत हो सकता है।
4. अंदर की जांच:
अगर केला काटने पर अंदर का रंग बहुत पीला या सफेद हो और उसका स्वाद सामान्य से ज्यादा मीठा लगे, तो यह कार्बाइड का संकेत हो सकता है।
5. पानी में डालने की टेस्ट:
केले को पानी में डालें। अगर केला तुरंत नीचे डूब जाए तो यह संकेत हो सकता है कि उसमें केमिकल का प्रयोग किया गया है। प्राकृतिक केले पानी पर तैरते हैं।
इन तरीकों से आप केले की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर ध्यान देकर सही चुनाव कर सकते हैं। हमेशा ताजे और प्राकृतिक फलों का सेवन करें!