स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं सभी लोगों को मच्छरों के काटने से बचाव के लिए उपाय करते रहने की आवश्यकता है, डेंगू का खतरा सभी उम्र के लोगों में हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डेंगू वैसे तो सभी लोगों के लिए गंभीर हो सकता है पर बच्चों को इसका जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। सभी माता-पिता को सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को मच्छरों के काटने से सुरक्षित रखें। आइए जानते हैं कि बच्चों में डेंगू के किस प्रकार के लक्षण हो सकते हैं और यह किस प्रकार की जटिलताओं का कारण बन सकता है?
डेंगू के कारण होने वाली समस्याएं
डॉक्टर बताते हैं, डेंगू के मच्छर अक्सर दिन के समय में ज्यादा काटते हैं, इस दौरान बचाव के लिए उपाय करना बहुत आवश्यक हो जाता है। डेंगू संक्रमण की स्थिति में तेज बुखार की समस्या के साथ सिरदर्द, शारीरिक में दर्द-थकावट और पेट में दर्द की समस्या होने का जोखिम रहता है। डेंगू के हल्के से मध्यम लक्षणों में फ्लू जैसी बीमारी होती है हालांकि इसकी गंभीर स्थिति में डेंगू शॉक सिंड्रोम और रक्तस्रावी बुखार विकसित होने का खतरा रहता है।
डेंगू के गंभीर मामलों में तेजी से ब्लड प्लेटलेट्स भी कम होने लगते हैं।
बच्चों में डेंगू के जोखिम
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों में डेंगू के लक्षण हल्के या गंभीर दोनों हो सकते है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें यह बीमारी पहली बार हो रही है या वह इसके पहले भी डेंगू के शिकार रहे हैं। हालांकि वयस्कों की तुलना में बच्चों में डेंगू के लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं। बच्चों में उल्टी और पेटीसिया की शिकायत होती है जबकि वयस्कों में मतली और आंखों के पीछे दर्द जैसे लक्षण अधिक आम हैं।
हालांकि डेंगू की गंभीर स्थिति में प्लेटलेट्स कम होने या रोग के गंभीर रूप लेने का खतरा दोनों में अधिक होता है।
जानलेवा भी हो सकता है ये संक्रमण
डॉक्टर बताते हैं, डेंगू के कुछ मामले गंभीर लक्षणों वाले और जानलेवा भी हो सकते हैं, बच्चों में इसके गंभीर मामलों को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। ब्लड प्लेटलेट्स की मात्रा कम होने की स्थिति में गंभीर रोग का खतरा अधिक होता है। ये स्थिति इंटरनल ब्लीडिंग और यहां तक की मौत का भी कारण बन सकती है।
बच्चों में अगर तीन दिनों से अधिक समय तक बुखार की दिक्कत बनी हुई है और सामान्य उपचार के माध्यम से इसमें आराम नहीं मिल रहा है तो इसकी समय रहते जांच और इलाज कराया जाना जरूरी हो जाता है।
संक्रमण से बचाव की करें उपाय
बच्चों में डेंगू के गंभीर लक्षणों की समय रहते पहचान की जानी चाहिए। बुखार के साथ पेट में तेज दर्द, दवाओं का असर न होना और शरीर में पानी जमा होना (पेट और पैरों में सूजन) संकेत है कि बच्चे को तुरंत आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता है।
ध्यान देने वाली बात ये है कि डेंगू बुखार का अब तक कोई ज्ञात इलाज नहीं है। इसमें लक्षणों को कम करने वाले तरीकों को प्रयोग में लाया जाता है। यही कारण है कि निरंतर मच्छरों के काटने से बचाव करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और घर के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।