Homeबिजनेससरकार अनिवार्य ईपीआर जरूरतों के दायरे का विस्तार करेगी

सरकार अनिवार्य ईपीआर जरूरतों के दायरे का विस्तार करेगी

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नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। सरकार प्लास्टिक, ई-कचरा, रबर और टायरों से परे अनिवार्य विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) जरूरतों के दायरे का विस्तार करेगी।

दिल्ली में फिक्की के 95वें वार्षिक सम्मेलन और एजीएम में उद्योग जगत को संबोधित करते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) की सचिव लीना नंदन ने शनिवार को कहा कि मंत्रालय का ध्यान मुख्यधारा और टिकाऊ जीवनशैली पर है।

अधिकारी ने कहा कि भारत संसाधनों के सावधानीपूर्वक उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने वाला दुनिया का एकमात्र देश है और वैश्विक जलवायु संकट का हिस्सा बने बिना भारत इसके समाधान का एक हिस्सा है।

उन्होंने स्थिरता और चक्रीयता को मुख्यधारा में लाने के लिए विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में बात करते हुए ईपीआर को चक्रीय अर्थव्यवस्था और संसाधन उपयोग दक्षता के लिए एक उपकरण के रूप में जोर दिया और अन्य श्रेणियों के लिए अनिवार्य ईपीआर जरूरतों के दायरे को बढ़ाने का संकेत दिया।

लीना ने जलवायु परिवर्तन के बारे में बात करते हुए कहा कि निकट भविष्य में भारत का एक राष्ट्रीय कार्बन बाजार होगा और मंत्रालय इसके लिए ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

फिक्की सर्कुलर इकोनॉमी कमेटी के अध्यक्ष अमित सिन्हा ने अपनी उद्घाटन टिप्पणी के दौरान सचिव का स्वागत करते हुए स्थिरता और जलवायु परिवर्तन पर मंत्रालय की पहल की सराहना की।

उन्होंने अपने संबोधन के दौरान चक्रीयता पर जोर दिया और 2030 तक भारत में 400-500 अरब डॉलर के व्यापार के अवसर पैदा करने के लिए सर्कुलर इकोनॉमी की क्षमता पर प्रकाश डाला।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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