नैनीताल:आज कैंची धाम में एक गहरे धार्मिक उत्सव का महोत्सव मनाया जा रहा है, जब इस स्थान के प्रमुख, नीब करौरी बाबा के 60वें स्थापना दिवस की धूमधाम से मनाई जा रही है। धार्मिक महात्मा नीब करौरी महाराज के दरबार में भक्तों की उमड़ी आस्था और प्रेम की बारिश देखने को मिली है।
प्रात: 5:30 बजे से शुरू हुए धार्मिक आयोजन में बाबा के दर्शन के बाद भक्तों ने मालपुए का प्रसाद स्वीकार किया। इस मौके पर धार्मिक स्थल की ध्वनि में भक्तों का भजन-कीर्तन सुनने को मिला, जो कि अनुष्ठान को और भी आनंदमय बनाता रहा।
यह उत्सव न केवल स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें सम्पूर्ण क्षेत्र से आए भक्तों के लिए भी आध्यात्मिक आत्मतृप्ति का मार्गदर्शन करता है। धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ, यह उत्सव भक्तों के दिलों में शांति और समर्थन का संदेश भी लेकर आता है।
कैंची धाम में आज सुबह पांच बजे से ही बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ना शुरू हो गया है। मंदिर समिति के प्रबंधक प्रदीप साह ने इसे बताते हुए कहा कि इस मौके पर बाबा को भोग लगाने के साथ ही मेला भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि रात 9 बजे तक मालपुए का प्रसाद बांटा जाएगा।
इस बार के उत्सव में 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की उम्मीद है, जिसने इसे एक विशेष और आनंदमय आयोजन बना दिया है। साथ ही, अब तक पांच हजार से अधिक लोग प्रसाद लेकर लौट चुके हैं, जो इस उत्सव की उच्च भक्ति और समर्थन की दिशा में प्रकट होता है।
इस बार का कैंची मेला एक अत्यंत ऐतिहासिक घटना के रूप में सामने आ रहा है। शुक्रवार की शाम को, इस मेले के आगामी उत्सव के पहले दिन ही, यहां पहुंचे 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने इसकी महत्वपूर्णता को दर्शाया। श्रद्धालुओं ने रात भर हनुमान चालीसा का पाठ किया, जिससे कैंची धाम में बाबा के जयकारों की गूंज बेहद महसूस हुई।
मंदिर समिति ने इस अवसर पर 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन प्रदान किया, जो इस धार्मिक समारोह की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सुबह से शाम तक, मंदिर में श्रद्धालुओं की लगातार भीड़ दर्शन के लिए जुटी रही, जिसके द्वारा वे बाबा नीब करौरी महाराज के पावन दर्शन प्राप्त कर सकें।
कैंची धाम में आज सुबह पांच बजे से ही एक दिव्य और धार्मिक दृश्य देखने को मिला, जब बाबा नीब करौरी महाराज को भोग लगाने के बाद मालपुए का प्रसाद शुरू हुआ। इस अद्वितीय उत्सव में श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब इतना उमड़ा था कि चार किमी लंबी लाइन में खड़े होकर वे घंटों तक इंतजार करते रहे, ताकि वे बाबा के पावन दर्शन और मालपुए का प्रसाद प्राप्त कर सकें।
मंदिर के मुख्य द्वार से भवाली और अल्मोड़ा से आए गए भक्त बाबा के जयकारों के साथ उनके दर्शन करते रहे। लंबी कतारों में खड़े श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की, जिसमें वे व्यवस्था में उपयुक्ति की मांग की।
यहां आयोजित उत्सव ने न केवल धार्मिक महत्व को बढ़ावा दिया है, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम भी जोड़ा है।
कैंची धाम में आज मंदिर समिति के प्रबंधक प्रदीप साह ने बताया कि बाबा को भोग लगाने के साथ ही मेला भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार की रात से ही हजारों श्रद्धालु कैंची धाम पहुंच गए थे और मालपुए का प्रसाद 9 बजे तक बंटाया जा रहा है। उन्होंने इस बार 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई। साह ने बताया कि सुबह 8:30 बजे तक 40,000 से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन और मालपुए का आर्शीवाद ले चुके हैं।
वहीं, कैंची मेले की यातायात और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा मोर्चा संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस की टीम ने श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए अच्छी तरह से प्रबंधित किया है। सुबह 8:30 बजे तक 50,000 से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर लौट चुके हैं, जो इस धार्मिक उत्सव की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है।