प्रदेश की धामी सरकार संविदा और आउटसोर्स पर तैनात हजारों महिला कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह 15 दिन का बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) देगी। महिला संविदा कर्मियों को भी छह महीने का मातृत्व अवकाश मिलेगा। संविदा और आउटसोर्स पुरुष कर्मचारियों को बाल दत्तक ग्रहण अवकाश की सुविधा मिलेगी।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इन सभी प्रस्तावों पर अपना अनुमोदन दे दिया है। शुक्रवार को होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इन प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। इसके अलावा राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव चर्चा के लिए लाया जाएगा।
वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल के मुताबिक, राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत ऐसी महिला कर्मचारियों, जिनका वेतन दैनिक कार्य पर निर्भर है। उन्हें भी अब राजकीय कर्मचारियों की तरह ही छह माह का मातृत्व अवकाश देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा व आउटसोर्स महिला व एकल पुरुष कर्मचारी (तलाकशुदा, विधुर इत्यादि) को भी सरकार एक वर्ष से कम आयु के शिशु को गोद लेने पर अधिकतम 120 दिन का बाल दत्तक ग्रहण अवकाश देगी।
ऐसे केवल महिला कर्मचारियों को भी 18 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल के लिए बाल देखभाल अवकाश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि इसमें प्रत्येक वर्ष 15 दिन बाल देखभाल अवकाश देने का प्रावधान होगा। संविदा व आउटसोर्स पुरुष कर्मचारियों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश दिया जाएगा। इस पर भी अनुमोदन दे दिया गया है।
वित्त विभाग के इन तीनों प्रस्तावों के अलावा विभिन्न विभागों के अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में मुहर लगेगी। इनमें सेवा क्षेत्र नीति, पंप स्टोरेज नीति के अलावा विस पटल पर रखे जाने वाले अनुपूरक बजट और अध्यादेश व विधेयकों मंजूरी मिलेगी।