देहरादून: जौनसार का केंद्र बिंदु चकराता विधानसभा सीट है। उत्तराखंड के गठन के बाद से नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह यहां से लगातार पांचवीं बार विधायक है। कालसी में जनसभा के दौरान अनोखे अंदाज में पुष्कर सिंह धामी ने जौनसार की जनता से भावात्मक रूप से जुड़ने का प्रयास किया।
न मुझे किसी ने भेजा है, न मैं यहां आया हूं, मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान आज भी सभी के जेहन में ताजा है। कालसी में जनसभा के दौरान इसी अंदाज में पुष्कर सिंह धामी ने जौनसार की जनता से भावात्मक रूप से जुड़ने का प्रयास किया। कोई बड़ी घोषणा नहीं, किसी पर भी राजनीतिक प्रहार नहीं, बस मां यमुना, जौनसार की संस्कृति, विकास और युवाओं को स्वरोजगार जैसे विषयों पर मुख्यमंत्री का भाषण केंद्रित रहा। मुख्यमंत्री ने जब कहा कि मां यमुना ने मुझे बुलाया…तो रामलीला मैदान तालियों की गड़गड़ाहट और जिंदाबाद के नारों से गूंज पड़ा।
जौनसार का केंद्र बिंदु चकराता विधानसभा सीट है। उत्तराखंड के गठन के बाद से नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह यहां से लगातार पांचवीं बार विधायक है। अविभाजित उत्तरप्रदेश के दौर में उनके पिता गुलाब सिंह ने भी विधायक के तौर पर आठ बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
इसमें 1985 की निर्विरोध जीत का रिकाॅर्ड भी उनके नाम रहा था। जौनसार का मतदाता कैडर के आधार पर नहीं बल्कि व्यक्तिगत छवि और भावनात्मक जुड़ाव के आधार पर वोट करता है। पहली बार भाजपा के किसी मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की जनता से भावनात्मक रूप से जुड़ने का प्रयास किया।
जौनसार के लोगों की आस्था मां यमुना से जुड़ी है। यहां के धार्मिक अनुष्ठान, देवता स्नान, स्नान पर्व और अंतिम संस्कार तक यमुना नदी किनारे ही होते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में कहा कि शिलान्यास स्थल पर तेज धूप थी, लेकिन मुझे कष्ट नहीं हो रहा था, मैं भावुक था। उन्होंने यमुना के महत्व, उनके प्रति अपनी आस्था और प्रयासों का खुलकर बखान किया।
यही नहीं क्षेत्र में तीर्थाटन, रोजगार से पलायन पर रोक जैसे विषयों पर बात की। उन्होंने पांडवों से जुड़े पौराणिक स्थलों को भी विकसित करने की बात कही। जौनसार क्षेत्र के लोग स्वयं को पांडवों को वशंज मानते है, ऐसे में अपने मन की बात सुन लोगों के चेहरे पर भी मुस्कान खिली थी।