विभाग द्वारा पंचायत भवनों के निर्माण के लिए जो बजट निर्धारित किया गया है, उससे अधिक लागत आ रही है। यही कारण है कि कई बार भवनों के निर्माण में देरी हो रही है।प्रदेश में पंचायत भवनों के नक्शे में न केवल बदलाव होगा, बल्कि इनके निर्माण के लिए निर्धारित बजट भी दोगुना किया जाएगा। इस बजट को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद विभाग इस प्रस्ताव को तैयार कर रहा है, जिसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
वर्तमान में राज्य में 780 पंचायतें भवन विहीन हैं। कुल 7,795 पंचायतों में से 780 के पास अपना भवन नहीं है। विभाग द्वारा पंचायत भवनों के निर्माण के लिए जो बजट निर्धारित किया गया है, उससे अधिक लागत आ रही है।
यही कारण है कि कई बार पंचायत भवनों के निर्माण में देरी हो रही है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंचायत भवनों के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत भवनों में दिव्यांगों के लिए रैंप की सुविधा होनी चाहिए और निर्माण के लिए निर्धारित 10 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाए।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विभाग ने पंचायत भवनों के नक्शे में कुछ बदलाव करने और एक अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करने का निर्णय लिया है।
मार्च 2025 तक सभी पंचायतों को भवन उपलब्ध कराने का लक्ष्य
पंचायत विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मार्च 2025 तक प्रदेश की किसी भी पंचायत को भवन विहीन नहीं रहने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस लक्ष्य को निर्धारित किया गया है।
2200 बंद स्कूलों को पंचायतों को सौंपने का प्रस्ताव लम्बित
प्रदेश में करीब 2200 सरकारी विद्यालय बंद पड़े हैं और खंडहर में बदल रहे हैं। इन विद्यालयों को पुनः उपयोग में लाने के लिए इन्हें पंचायतों को सौंपे जाने का प्रस्ताव था, लेकिन यह मामला लंबे समय से अधर में है।