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बीजिंग, 20 जनवरी (आईएएनएस)। 18 जनवरी को मुंबई स्थित चीनी महावाणिज्य दूत खोंग शियानहुआ ने इंडियन बिजनेस ग्रुप (आईबीजी) द्वारा आयोजित सदस्य उद्यमों की संगोष्ठी में भाग लिया। आईबीजी के अध्यक्ष विकास मित्तरसेन और लगभग 20 भारतीय उद्यमों ने संगोष्ठी में भाग लिया।
खोंग शियानहुआ ने भारतीय पक्ष को चार पहलुओं का परिचय दिया। पहला, 2022 में चीन की अर्थव्यवस्था का स्वस्थ और स्थिर विकास हुआ। चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, चीन की जीडीपी 3 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 2022 में लगभग 180 खरब अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंची। 2023 में, चीन की आर्थिक स्थिति के और बेहतर होने का अनुमान है। गोल्डमैन सैक्स ने भविष्यवाणी की है कि चीन की जीडीपी वृद्धि 5 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी।
दूसरा, चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार में सुधार जारी है। पिछले साल चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार में दो अंकों की वृद्धि हासिल हुई, जो 1 खरब 36 अरब 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। चीन एक बड़ा, खुला और सुविधाजनक बाजार है, लेकिन प्रतिस्पर्धा कड़ी है। हम चीनी बाजार पर ध्यान देने के लिए भारतीय उद्यमों का स्वागत करते हैं, और विश्वास करते हैं कि भारतीय उद्यम कड़ी प्रतिस्पर्धा में चीन को अधिक उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करेंगे।
तीसरा, द्विपक्षीय निवेश में वृद्धि जारी है। उनके कांसुलर क्षेत्राधिकार में चीनी-वित्तपोषित उद्यमों ने 2022 में अच्छा प्रदर्शन हासिल किया है और वे भारत में निवेश बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। नए साल में, आरएमबी विनिमय दर के स्थिर रहने की उम्मीद है, और चीन की आर्थिक वृद्धि की स्थिति आम तौर पर आशावादी है। यह चीन में निवेश करने का सही समय है। विश्वास है कि भारतीय उद्यम चीन में सफल होंगे।
चौथा, चीन में कोविड-19 महामारी के तेजी से चरम पर पहुंचने के बाद, अब जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो गया है।
खोंग शियानहुआ ने जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण और व्यापार संबंधों को मजबूत करने पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और भारतीय उद्यमों को पिछले दस वर्षों में संबंधित क्षेत्रों में चीन द्वारा हासिल बड़ी-बड़ी उपलब्धियों और सफल नीतियों व कदमों से परिचित करवाया।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
एएनएम
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