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चीन का पिछले 2 साल से एलएसी के पास एयरबेस, इंफ्रास्ट्रक्च र पर फोकस

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नई दिल्ली, 14 दिसम्बर (आईएएनएस)। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) इस साल अक्टूबर से अरुणाचल प्रदेश में 17,000 फीट ऊंची चोटी तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी और तब से एलएसी के पास अपने सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी है, भारतीय सेना के सूत्र ने बुधवार को यह बात कही।

चीन सिर्फ अक्टूबर से ही सक्रिय नहीं था बल्कि वह 2020 से अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास एक बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा था। सूत्र ने कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास अपनी तरफ एक एयरबेस भी बनाया है।

सूत्रों के मुताबिक, चीनी बुनियादी ढांचे का निर्माण, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस शुरू होने से ठीक पहले शुरू हुआ था। अपनी ताकत बढ़ाने के बाद, पीएलए ने 9 दिसंबर को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अरुणाचल चोटी तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन भारत ने भी उसका मुंहतोड़ जवाब दिया।

सेना के सूत्र ने कहा कि पूरी तरह से तैयार और जागरूक भारतीय सेना के जवानों ने चीनियों को उनके प्रयास में हरा दिया और इस झड़प में कुल 34 भारतीय और 40 से अधिक चीनी सैनिकों को चोटें आईं। झड़प के दौरान घायल हुए भारतीय सैनिकों में से छह को गुवाहाटी के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन किसी के गंभीर रूप से घायल होने की कोई खबर नहीं है।

9 दिसंबर को भारतीय सेना और चीनी पीएलए के बीच झड़प अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी भाग में तवांग से लगभग 35 किमी उत्तर-पूर्व में यांग्त्से में एलएसी पर हुई थी। पूर्वी लद्दाख में अगस्त 2020 के बाद से दोनों सेनाओं के बीच यह पहली शारीरिक झड़प है।

सैटेलाइट इमेज से यह भी पता चलता है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग से लगी सीमा के पास गांवों का निर्माण किया है। चीनी पीएलए की सेना ने उस तरफ सड़क भी बना ली है। भारतीय सेना के एक सूत्र ने मंगलवार को बताया कि चीन की सेना एक सुनियोजित साजिश के तहत 9 दिसंबर को 300 सैनिकों के साथ एलएसी पर भारतीय चौकी के पास पहुंची थी।

अरुणाचल प्रदेश में तनाव बढ़ने के बाद अब भारतीय वायुसेना के विमान चीनी सेना को एलएसी का उल्लंघन करने से रोकने के लिए अरुणाचल के आसमान में गश्त कर रहे हैं।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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