प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की साधना स्थली केदार घाटी को अब नए रूप और रंग में निखारने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत रुद्रप्रयाग को आदर्श जिले के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें केदार घाटी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, गौरीकुंड, त्रियुगीनारायण, सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, ऊखीमठ सहित केदारनाथ यात्रा के प्रमुख पड़ावों वाले शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी अवस्थापना सुविधाओं और कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा। राज्य सरकार की यह योजना केदार घाटी और रुद्रप्रयाग जिले को आध्यात्मिक क्षेत्र (स्प्रिचुअल जोन) के रूप में विकसित करने की है, और इसके लिए केंद्र सरकार के नए बजट से उम्मीदें भी जताई गई हैं। इसी संदर्भ में 28 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।
उत्तराखंड को स्प्रिचुअल जोन के रूप में विकसित करने की पहल सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम को नए रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को संवारने के लिए केंद्र सरकार से सकारात्मक संकेत मिले हैं। राज्य सरकार हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कारीडोर, ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग केंद्र और योग नगरी के रूप में विकसित करने, चंपावत जिले में शारदा नदी कारीडोर, नैनीताल जिले में बाबा नीब करौरी मंदिर क्षेत्र (कैंचीधाम) और मानसखंड मंदिर माला मिशन जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर कार्य कर रही है।
उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट बोर्ड (यूआइआइडीबी) जल्द ही इस योजना की कार्ययोजना तैयार करेगा।
मुख्यमंत्री धामी रुद्रप्रयाग को आदर्श जिले के रूप में विकसित करने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। इसके अंतर्गत, केदार घाटी को एक आध्यात्मिक स्थल के रूप में विशेष रूप से संवारा जाएगा। साथ ही, गौरीकुंड, सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, त्रियुगीनारायण और ऊखीमठ समेत रुद्रप्रयाग जिले के प्रमुख स्थलों को व्यवस्थित रूप से विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी इस संदर्भ में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं और उनके निर्देशों के अनुसार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक कंसल्टेंट एजेंसी का चयन किया जाएगा। एजेंसी मास्टर प्लान और ठोस कार्ययोजना तैयार करेगी।