राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 72 सहायक प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के मेधावी विद्यार्थियों के लिए एनआईआरएफ इंस्टीट्यूट में 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता देने वाले पोर्टल का शुभारंभ किया। सीएम धामी ने कहा कि नव-निर्वाचित शिक्षकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहला कदम है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 72 सहायक प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। ये सभी सहायक प्रोफेसर समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, और अंग्रेजी विषयों में चयनित हुए हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग (एनआईआरएफ) इंस्टीट्यूट में 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता देने वाले पोर्टल का शुभारंभ किया।
5000 छात्र-छात्राओं को रोजगार देने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गौरव योजना के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को बैंकिंग और वित्तीय त्रिस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, और 5000 छात्रों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी सहायक प्रोफेसरों को बधाई दी और कहा कि शिक्षार्थियों के भविष्य को संवारने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारे युवाओं के भविष्य को संवारने की अहम जिम्मेदारी अब उन पर है। नव-निर्वाचित शिक्षकों के लिए यह पहला महत्वपूर्ण कदम है।
भविष्य संवारने की चुनौती को पूरा करना
अब उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के माध्यम से बच्चों के भविष्य को संवारने की चुनौती को साकार करना होगा, ताकि सरकार के विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने में योगदान दिया जा सके। उन्हें नवाचार का प्रयोग करने, समाज की कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने और रोजगारपरक शिक्षा के साथ बच्चों को अच्छे संस्कार देने का कार्य करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
अंतिम चरण में यूसीसी लागू करने की तैयारी
राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। पिछले तीन वर्षों में जनहित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इन वर्षों में 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति प्रदान की गई है। शेष रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेजी से प्रगति कर रही है। राज्य में सख्त नकल विरोधी और दंगा रोधी कानून भी लागू किए गए हैं। नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है, जो राज्य के लिए गर्व की बात है। पिछले तीन वर्षों में सरकार द्वारा लिए गए कई निर्णयों को मॉडल के रूप में मान्यता मिली है।
युवाओं को उद्यमिता और स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करना
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को उद्यमिता और स्टार्टअप के प्रति भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उनका लक्ष्य यह है कि युवाओं को केवल रोजगार पाने वाले नहीं, बल्कि दूसरों को रोजगार देने वाले भी बनाया जाए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए राज्य में देवभूमि उद्यमिता योजना शुरू की गई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को राज्य में लागू कर दिया गया है। शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयासरत है।
शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रदान किया जा रहा प्रोत्साहन
उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण और तकनीक के विस्तार के सभी क्षेत्रों में कार्य चल रहा है। 20 मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है, और मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। शोध को बढ़ावा देने के लिए शोधार्थियों को प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है।
इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, विधायक उमेश शर्मा काऊ, खजान दास, सविता कपूर, उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष प्रो. देवेंद्र भसीन, उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।