महिला अपराधों पर नियंत्रण और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपने की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय बढ़ाने, सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान, और इंटेलिजेंस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने उन क्षेत्रों में निगरानी तंत्र को भी बढ़ाने की बात कही जहां अपराध की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं।
प्रदेश में जनसांख्यिकीय बदलावों को लेकर सरकार गंभीर चिंता में है। विशेषकर मैदानी जनपदों के साथ-साथ पर्वतीय जनपदों में भी समुदाय विशेष की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार ने व्यापक स्तर पर सत्यापन अभियान चलाने की योजना बनाई है।
राजधानी देहरादून सहित प्रदेश के चार जिलों—हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, और नैनीताल—में समुदाय विशेष के लोगों ने पिछले 10-11 वर्षों में न केवल बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदी हैं, बल्कि उनकी बसावट में भी तेजी आई है। इसके अलावा, सीमांत क्षेत्रों में भी इसी समुदाय की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
इस स्थिति को देखते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीजीपी अभिनव कुमार को सभी थाना क्षेत्रों में व्यापक सत्यापन अभियान चलाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले और बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर निगरानी रखने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त को बढ़ाने और प्रदेश में रात्रि पेट्रोलिंग की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर भी जोर दिया है।
बुधवार दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का काफिला सचिवालय से उनके आवास के लिए रवाना हुआ, लेकिन आवास की ओर बढ़ने के बजाय काफिला पुलिस मुख्यालय की दिशा में मुड़ गया। मुख्यमंत्री के काफिले के पुलिस मुख्यालय में प्रवेश करने के साथ ही वहां पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
डीजीपी अभिनव कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी अपने कार्यालयों से बाहर आ गए। मुख्यमंत्री प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों को लेकर नाराज दिखाई दिए और सीधे महिला सुरक्षा हेल्पलाइन के कार्यालय में पहुंच गए। उन्होंने पुलिस द्वारा महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे विभिन्न प्रयासों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने डकैती और लूट जैसे गंभीर अपराधों में की जा रही कार्रवाई के बारे में भी सवाल किए। उन्होंने कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले और शांति भंग करने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही, मतांतरण और लव जिहाद के मामलों में तत्काल कार्रवाई करने और राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर एडीजी अमित कुमार सिन्हा, वी. मुरुगेशन, एपी अंशुमान, और अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन थाना क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें जहां से उन्होंने अपनी नौकरी की शुरुआत की थी। उल्लेखनीय है कि आईपीएस अधिकारियों को प्रशिक्षण काल के दौरान सबसे पहले थाने में तैनात किया जाता है, जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से उनका प्रशिक्षण पूरा होता है।