देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी। इसके लिए विधानसभा में कार्रवाई को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने वृंदावन के वात्सल्य ग्राम में साध्वी ऋतंभरा के उम्र के 60 वर्ष पूरे होने पर आयोजित तीन दिवसीय षष्ठिपूर्ति महोत्सव के पहले दिन अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यूसीसी सभी धर्मों के लोगों के लिए व्यक्तिगत कानूनों का एक सामान्य कोड है।
सीएम धामी ने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कि भाजपा की सरकार में ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो सकता है। राम भक्तों पर गोली चलाने वाली मंदिर नहीं बना सकते। बगैर किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने और तीन तलाक का कानून भी केवल भाजपा सरकार में आ सकता था। ये खुशी किसी अन्य राजनीतिक दल की सरकार में नहीं मिल सकती थी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की प्रतिबद्धता 22 जनवरी को पूरी होगी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिषेक समारोह में भाग लेंगे।
उत्तराखंड सीएम ने साध्वी ऋतंभरा को षष्ठिपूर्ति महोत्सव की बधाई दी। उन्होंने साध्वी ऋतंभरा को “वात्सल्य” (स्नेह) और मातृत्व का प्रतीक बताते हुए उनकी लंबी उम्र की कामना की और कार्यक्रम में उपस्थित संतों का आशीर्वाद मांगा।
सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में अपने ओजस्वी भाषणों से जागरुकता की अलख जगाई, आज उसी का परिणाम है कि दिव्य और भव्य मंदिर बन रहा है। देश का बच्चा-बच्चा राम की स्तुति में मग्न है। राम स्तुति के साथ उनकी सच्ची साधना में शामिल हों, उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। राम को स्वयं में धारण करने के लिए प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं है।
सीएम धामी बिना किसी नेता का नाम लेते हुए कहा कि अब भव्य राम मंदिर का निर्माण देखकर लोग बनने लगे हैं कि हम भी अयोध्या आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये सब किया है। वह न कभी रुके और न ही झुके, इसी का परिणाम है कि ये काम चरितार्थ हो रहा है। हमने प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरणा लेकर कठिन कामों को भी देवभूमि में बढ़ाने का काम किया है। हम समान नागरिक संहिता पर भी आगे बढ़ेंगे।
मतांतरण और नकल रोकने के साथ ही लैंड और लव जेहाद के लिए भी कड़े कानून बनाए। उन्होंने कहा कि जब हम बताते हैं कि हम उत्तराखंड के हैं, तो हमारे प्रति दूसरों के सोचने का भाव अलग होता है। देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे, इसके लिए अतिक्रमण को भी हटाने का संकल्प लिया है।