खाने का वक्त नियत करें। हर थोड़ी देर पर मुंह में कुछ-कुछ डालते न रहें। त्योहार पर उपहार के बतौर आए फूड पैकेट एक साथ खोलकर न बैठें। थोड़ा सा ही खाएं।
त्योहारी मौसम शुरू होने वाला हैं, जिसका मतलब है खरीदारी, पार्टी, और सबसे जरूरी हैं मिठाइयाँ। इस दौरान हमारे खाने-पीने की आदतों में काफी बदलाव आता है जो कारण बनता है बहुत सी शारीरिक समस्याओं का, जैसे – पेट दर्द।
अक्सर त्योहार में हम अपने परिजन या दोस्तों के साथ मिलकर ज्यादा मात्रा में खा लेते हैं और इसके कारण हमें पेट संबंधी समस्या होने लगती है। इसलिए त्योहार में खाने की मात्रा को संयमित रखने का प्रयास करें और साथ ही त्योहारों में बहुत सारा तला-भुना और मिठाई सेवन करने से बचें।
सावधानी से करें मिठाई का चुनाव
भारत में कोई भी त्योहार बिना मिठाई के अधूरा होता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि त्योहार आते ही हम अपने स्वास्थ्य की चिंता छोड़ के ऐसी चीज़ें खाने लगें जो हमें अस्वस्थ कर देती है। ज्यादा मिठाई के सेवन से भी हमें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
अत्यधिक मिठाई खाने से आपके शरीर में अतिरिक्त कैलोरी पहुंचती है, जिसके कारण वजन बढ़ सकता है। स्वाभाविक तौर पर अगर आप अपने शरीर की आवश्यकता से ज्यादा मिठाई खाते हैं तो इसके कारण आपको मोटापे की समस्या हो सकती है। वहीं, अत्यधिक मिठाई सेवन से आपके ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे आपका रक्तचाप बढ़ सकता है और इससे दिल की समस्याएँ और डायबिटीज की संभावना बढ़ सकती है।
वहीं, त्यौहार पर सही मिठाई के चुनाव पर न्यूट्रिशनिस्ट भुवन रस्तोगी बताते हैं कि त्योहार के समय हमें अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है क्योंकि इस समय हम काफी व्यस्त रहते हैं और कुछ भी खा लेते हैं।वहीं, उन्होंने बताया कि मिठाई में भारी मात्रा में चीनी और मैदा होती है, जिसके कारण इसमें सिम्पल कार्ब्स और ग्लायसेमिक इंडेक्स की मात्रा भी बहुत ज्यादा हो जाती है। इसलिए हमें हमेशा ‘मिल्क-बेस’ की मिठाई चुननी चाहिए क्योंकि इसमें ग्लायसेमिक इंडेक्स कम होता है और ये शरीर को उतनी क्षति नहीं पहुंचाता।
तली-डीप फ्राइड चीज़ों से रहें दूर
त्यौहार पर मिठाई के साथ-साथ तली-भुनी चीज़ें भी काफी मात्रा में खाई जाती है। तली-भुनी चीज़े सबसे ज्यादा हृदय के स्वास्थ्य को प्रभावित करतीं हैं और अलग-अलग तरह की बीमारियों की संभावना बढ़ाती है। तले-भुने खाने में आमतौर पर तेल का अधिक सेवन होता है, जिससे खाने की कैलोरी मात्रा बढ़ती है। यदि आप ज्यादा कैलोरी खाते हैं और इसे नियमित रूप से करते हैं, तो आपका वजन बढ़ सकता है और मोटापे की समस्या हो सकती है।ज्यादा तला-भुना खाने से शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है। तले भुने खाने को तैयार करने में अक्सर तेल का ज्यादा सेवन होता है, जिससे उसमें पानी की कमी हो सकती है। यह आपके शरीर को उचित तरीके से हाइड्रेटेड नहीं रहने देता है और डिहाइड्रेशन की समस्या पैदा कर सकता है। इसी के साथ अधिक तेल में तले भुने खाने का सेवन करने से आपके पाचन तंत्र पर भी असर पड़ सकता है, जिससे पेट में असहजता, एसिडिटी और पेट संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
साधारण चॉकलेट नहीं, बल्कि डार्क चॉकलेट खाएं
आजकल रक्षाबंधन में चॉकलेट एक गिफ्टिंग ऑप्शन बन गया है। लेकिन मार्केट में मिलने वाली साधारण मिल्क चॉकलेट सेहत के लिए नुकसानदायक भी होती है। मिल्क चॉकलेट के विकल्प में डार्क चॉकलेट कई तरह से फायदेमंद होती है।चूंकि डार्क चॉकलेट में साधारण चॉकलेट के मुकाबले कम कैलोरी होती है और इसमें कम चीनी और तेल की मात्रा होती है। इसलिए, जिन लोगों को अपने वजन की चिंता होती है, वे डार्क चॉकलेट को अधिक पसंद कर सकते हैं।
डार्क चॉकलेट में अधिक कोकोआ होता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य को फायदा पहुंचता है। यह आपके दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें एंटिऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं।
सीमित मात्रा में खाएं
अक्सर त्योहार में हम अपने परिजन या दोस्तों के साथ मिलकर ज्यादा मात्रा में खा लेते हैं और इसके कारण हमें पेट संबंधी समस्या होने लगती है। इसलिए त्योहार में खाने की मात्रा को संयमित रखने का प्रयास करें और साथ ही त्योहारों में बहुत सारा तला-भुना और मिठाई सेवन करने से बचें।
लें संतुलित डाइट
त्योहारों पर अक्सर हम कई तरह के स्नैक्स और फास्ट फ़ूड खा लेते हैं, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक भी होतें है। इसीलिए अपने आहार में सभी पोषण तत्वों को शामिल करने का प्रयास करें। फल, सब्जियाँ, प्रोटीन, अनाज, और दूध जैसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थ शामिल करें।
हाइड्रेटेड रहें
त्योहारों में हम अपने काम और त्योहार की तैयारी में काफी व्यस्त रहते हैं जिसके कारण हमारे शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इसलिए ऐसे समय में पर्याप्त पानी पीने से शरीर को उचित तरीके से हाइड्रेटेड रहने में मदद मिलती है