मुंबई: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत में निवेश का एक प्रमुख साधन है. बढ़िया ब्याज, टैक्स बचत और पैसे डूबने का जोखिम न होने की वजह से इस स्कीम में खूब पैसा लगाया जाता है. कोई भी भारतीय नागरिक 500 रुपये सालाना से PPF में निवेश शुरू कर सकता है. एक वित्त वर्ष में PPF अकाउंट में 1.5 लाख रुपये तक की रकम जमा की जा सकती है. PPF में निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. साथ ही ब्याज आय और मैच्योरिटी राशि पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. अगर एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये की रकम जमा नहीं की जाती है तो PPF अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है.
PPF अकाउंट पर कई सुविधाएं मिलती हैं. ऐसे में अगर अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है तो लोन सुविधा और आंशिक निकासी भी बंद हो जाती है. अगर आपका PPF अकाउंट बंद हो गया है तो घबराने की जरूरत नहीं है. इसे आसानी से दोबारा शुरू किया जा सकता है. PPF अकाउंट न सिर्फ सुरक्षित निवेश का साधन है बल्कि यह टैक्स बचत और ऊंची ब्याज दर के साथ कई दूसरे फायदे भी देता है. इसलिए सुनिश्चित करें कि आपका पीपीएफ खाता इनएक्टिव न हो और हर साल उसमें न्यूनतम राशि जमा करें.
अपना खाता कैसे एक्टिव करें
इसके लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस जाना होगा.
- अकाउंट को फिर से एक्टिवेट करने के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा.
- आपको उन सालों की बकाया राशि जमा करनी होगी, जिनमें आपने पैसे जमा नहीं किए हैं.
- आपको हर वित्तीय वर्ष के लिए 50 रुपये का जुर्माना भी देना होगा.
कितना जुर्माना लगेगा?
मान लीजिए कि आपका PPF अकाउंट 4 साल से इनएक्टिव है, तो आपको 4 साल के लिए 2000 रुपये (500 रुपये प्रति वर्ष) जमा करने होंगे. साथ ही आपको चार साल के लिए 200 रुपये (50 रुपये प्रति वर्ष) देने होंगे.