मुंबई: आज पेटीएम के शेयरों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई. वित्त मंत्रालय के स्पष्टीकरण जारी किए जाने के बाद शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. वित्त मंत्रालय की ओर से स्पष्टीकरण में कहा गया है कि यूपीआई लेनदेन पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं लिया जाएगा. फिनटेक कंपनी के शेयर 864 रुपये पर कारोबार कर रहे थे और निफ्टी मिडकैप इंडेक्स पर टॉप लूजर के रूप में उभरे.
रिपोर्ट में क्या था?
वित्त मंत्रालय का स्पष्टीकरण उन रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें कहा गया था कि सरकार बैंकों और भुगतान समाधान प्रोवाइडर की सहायता के लिए 3,000 रुपये और उससे अधिक मूल्य के लेनदेन पर एमडीआर लागू करने की योजना बना रही है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि सरकार लेंडर को मर्चेंट टर्नओवर के बजाय लेनदेन मूल्य पर एमडीआर लगाने की अनुमति दे सकती है.
- रिपोर्ट सामने आने के बाद पेटीएम के शेयर तीन महीने के उच्चतम स्तर 978 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए थे.
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा?
Speculation and claims that the MDR will be charged on UPI transactions are completely false, baseless, and misleading.
Such baseless and sensation-creating speculations cause needless uncertainty, fear and suspicion among our citizens.
The Government remains fully committed…
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 11, 2025
वित्त मंत्रालय ने 11 जून को बाजार बंद होने के बाद एक्स को स्पष्टीकरण जारी किया. मंत्रालय ने कहा kf यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर वसूले जाने की अटकलें और दावे पूरी तरह से झूठे, निराधार और भ्रामक हैं. इसमें कहा गया है कि ऐसी निराधार और सनसनी पैदा करने वाली अटकलें हमारे नागरिकों के बीच अनावश्यक अनिश्चितता, भय और संदेह पैदा करती हैं. सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
एमडीआर चार्ज क्या है?
एमडीआर एक शुल्क है जो बैंक वास्तविक समय में भुगतान संसाधित करने के लिए व्यापारियों से लेते हैं. इससे पहले, व्यापारियों से कार्ड भुगतान पर कुल लेनदेन मूल्य का 1 फीसदी एमडीआर शुल्क लिया जाता था. बाद में 2020 में सरकार ने देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए एमडीआर शुल्क माफ कर दिया.