नई दिल्ली: आईडीबीआई बैंक जल्द ही प्राइवेट बैंक में तब्दील हो जाएगा. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईडीबीआई बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. इसके शेयर खरीद सौदे को अंतर मंत्रालयी समूह ने भी मंजूरी दे दी है. आईडीबीआई बैंक के शेयर खरीद समझौते को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद सितंबर में वित्तीय बोलियां आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है. केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास अभी आईडीबीआई बैंक की 95 फीसदी हिस्सेदारी है
कब लगेगी बोली?
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि आईएमजी ने दो बैठकें कीं और हाल ही में शेयर खरीद समझौते को मंजूरी दी. अब इसका विनिवेश सचिवों के कोर ग्रुप से किया जाएगा. इसके बाद वित्तीय बोलियां आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है. सितंबर के पहले सप्ताह में हो सकता है.
शेयर खरीद समझौता एक कानूनी रूप से बाध्यकारी दस्तावेज है, जिसमें उन नियमों और शर्तों का उल्लेख होता है, जिनके तहत किसी कंपनी के शेयर विक्रेता से खरीदार को ट्रांसफर किए जाते हैं. ऐसे विनिवेश सौदों में, एसपीए दोनों पक्षों के हितों की रक्षा करने और मूल्य निर्धारण, प्रतिनिधित्व और देनदारियों जैसे प्रमुख खंडों को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
देरी क्यों हुई?
सूत्रों के अनुसार ड्राफ्ट एसपीए पर तीन शॉर्टलिस्ट किए गए बोलीदाताओं के मांगे गए स्पष्टीकरण के कारण पहले थोड़ी देरी हुई थी. हालांकि, सरकार आशावादी बनी हुई है कि बाकी प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ेगी. संभावित खरीदारों की ओर से रुचि की अभिव्यक्तियां (ईओआई) मूल रूप से जनवरी 2024 में प्रस्तुत की गई थीं.
सरकार की है बड़ी हिस्सेदारी
आईडीबीआई बैंक में सरकार और एलआईसी बैंक की बड़ी हिस्सेदारी है. सरकार ने बैंक में हिस्सेदारी बेचकर 40 हजार करोड़ रुपये से 50 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इस विनिवेश के तहत आईडीबीआई बैंक की 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी.