नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल धीरे-धीरे समाप्त होने की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में देशभर के केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग की प्रगति को लेकर बेखबर हैं. बता दें कि केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में नए वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी. ऐसा माना जा रहा था कि अप्रैल तक टर्म ऑफ रिफ्रेंस (ToR) को अंतिम रूप दे दिया जाएगा और उसके बाद आयोग अपने एजेंडे पर काम करना शुरू कर देगा.
हालांकि, 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा के छह महीने बाद भी सरकार टर्म ऑफ रिफ्रेंस को अंतिम रूप नहीं दे पाई है. इन सबके बीच, हर सरकारी कर्मचारी एक बड़ा सवाल पूछ रहा है कि 8वां वेतन आयोग आखिरकार कब काम करना शुरू करेगा और केंद्र को अपनी सिफारिशें कब सौंपेगा? आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार कार्यरत और रिटायर कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन करेगी.
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में बढ़ती अनिश्चितता
आठवें वेतन आयोग की प्रगति को लेकर काफी असमंजस की स्थिति है. साथ ही इसको लेकर कई तरह की अफवाहें भी हैं. एक ओर कुछ मीडिया रिपोर्ट वेतन वृद्धि, फिटमेंट फैक्टर और इसके लागू होने की संभावित तारीखों के अनुमानों पर लगातार रिपोर्टें चला रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत यह है कि आयोग की आधिकारिक प्रक्रिया अभी भी ठप है.
घोषणा को छह महीने से ज़्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक न तो आयोग के अध्यक्ष का नाम तय हुआ है और न ही टीओआर जारी हुआ है. इसके चलते विभिन्न पेंशनभोगी संगठनों और कर्मचारी संघों ने विभिन्न मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है और सरकार को पत्र लिखे हैं. इन कर्मचारी प्रतिनिधि निकायों ने आयोग के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है.
क्या अब जनवरी 2026 तक आठवें वेतन आयोग की समय-सीमा संभव है?
जनवरी से लेकर अब तक आयोग की प्रक्रिया बेहद धीमी रही है. अप्रैल में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने आयोग के अंतर्गत चार अवर सचिव स्तर के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे, जिनकी अंतिम तिथि बाद में दो बार बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी गई थी, लेकिन अभी तक आयोग के अध्यक्ष या सदस्यों की नियुक्ति को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
वेतन आयोग की प्रक्रिया की पहली और सबसे महत्वपूर्ण कड़ी ToR है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से ToR पर कोई स्पष्टता नहीं है. कर्मचारी संगठनों ने विभिन्न माध्यमों और कई मंचों पर इस पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं. जब तक ToR और नियुक्तियां नहीं हो जातीं,आयोग का काम शुरू नहीं हो सकता.
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें कब लागू होंगी?
अब सवाल यह उठता है कि जब इसका गठन ही नहीं हुआ है, तो इसकी सिफारिशें कब आएंगी और कब लागू होंगी? अगर बात करें पिछले दो वेतन आयोगों की समय-सीमा की तो छठा वेतन आयोग अक्टूबर 2006 में गठित हुआ था, मार्च 2008 में इसकी रिपोर्ट आई थी, जिसे अगस्त 2008 में स्वीकृत मिली और इसे 1 जनवरी 2006 से पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू किया गया.
इसी तरह सातवां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ. नवंबर 2015 में रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई. वहीं, जून 2016 में इसे स्वीकृत किया गया और 1 जनवरी 2016 से पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू हो गया.
इसके अनुसार अगर आठवें वेतन आयोग का गठन अगस्त-सितंबर 2025 तक भी हो जाता है, तो भी रिपोर्ट आने में कम से कम 18 से 24 महीने लगेंगे. यानी रिपोर्ट संभवत 2027 की शुरुआत तक ही आ पाएगी. इसके बाद सरकार को सिफ़ारिशों की समीक्षा और उन्हें लागू करने में भी 6-8 महीने लग सकते हैं.