मुंबई: बुधवार 23 जुलाई को आज बाजार पॉजिटिव नोट पर बंद हुआ. कारोबार के अंत में निफ्टी 159 अंक उछल कर 0.63 फीसदी की बढ़त के साथ 25,219.90 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं सेंसेक्स 539.83 अंक पर जाकर बंद हुआ. इस तरह से देखें तो सेंसेक्स 0.66 फीसदी की बढ़त के साथ 82,726.64 अंक पर बंद हुआ.
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 539.83 अंक या 0.66 प्रतिशत बढ़कर 82,726.64 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 159.00 अंक या 0.63 प्रतिशत बढ़कर 25,219.90 पर पहुंच गया.
एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 3,548.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
उधर रुपया लगातार छठे सत्र में नीचे गिरा. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3 पैसे की गिरावट के साथ रुपया 86.41 पर बंद हुआ.
इस तरह से अमेरिकी मुद्रा डॉलर की मजबूती और विदेशी पूंजी की निकासी के बीच रुपया लगातार छठे सत्र में कमजोर रहा. बुधवार को डॉलर के मुकाबले 3 पैसे की गिरावट के साथ रुपया 86.41 पर बंद हुआ.
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि हालांकि, कच्चे तेल की कम कीमतों और अमेरिका द्वारा जापान के साथ व्यापार समझौते की घोषणा के बाद वैश्विक रुझानों के बाद घरेलू शेयर बाजारों में भारी खरीदारी की वजह से घरेलू मुद्रा को कुछ सहारा मिला.
अंतर बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, भारतीय मुद्रा रुपया 86.46 पर कमजोर दर पर खुला और डॉलर के मुकाबले 86.34 के उच्चतम स्तर को छू गया. इस तरह से आज के सत्र के अंत में रुपया 86.41 (अनंतिम) पर बंद हुआ. इस तरह से रुपया अपने पिछले बंद स्तर से 3 पैसे की गिरावट पर क्लोज हुआ.
गौर करें तो मंगलवार के कारोबारी सत्र के अंत में, रुपया पिछले बंद भाव से 7 पैसे की गिरावट के साथ 86.38 पर बंद हुआ था. वहीं 16 जुलाई के बाद से रुपये में यह लगातार पांचवां गिरावट का सत्र था. उस समय रुपया 16 पैसे गिरकर डॉलर के मुकाबले 85.92 पर बंद हुआ था.
शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी का कहना है कि मजबूत डॉलर और विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी की वजह से ही रुपया कमजोर हुआ. हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और घरेलू शेयर बाज़ार में सकारात्मक रुख ने गिरावट को थोड़ा कम किया.
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.52 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. इस तरह से ये 68.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
विशेषज्ञों के मुताबिक, निवेशक 1 अगस्त की समय सीमा से पहले भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में उच्च टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसे में यदि वार्ता विफल होती है या इसमें देरी होती है, तो भारतीय निर्यातकों को नए दबाव का सामना करना पड़ेगा. इससे रुपये की चुनौतियां और बढ़ेंगी.
बता दें कि भारत-अमेरिका दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी टीम अगस्त में भारत का दौरा करेगी. भारत और अमेरिकी टीमों ने पिछले हफ्ते वॉशिंगटन में समझौते के लिए पांचवें दौर की वार्ता पूरी की.
बता दें कि आज सुबह मार्केट ग्रीन कलर में खुला था. आज बुधवार को घरेलू शेयर बाजारों में शुरुआत मजबूती के साथ हुई. सेंसेक्स 265 अंक ऊपर उठकर 82,451 पर खुला था. वहीं निफ्टी 79 अंक ऊपर 25,139 पर ओपन हुआ था.
वहीं बाजार बंद होते वक्त घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 539.83 अंक या 0.66 प्रतिशत बढ़कर 82,726.64 पर पहुंच गया है. वहीं निफ्टी 159 अंक या 0.63 प्रतिशत बढ़कर 25,219.90 पर पहुंचा.
एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 3,548.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
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